DHAR NEWS : सरकार से मिली बड़ी सौगात, मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कैबिनेट में मिली मंजूरी, लोगों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
धार। प्रदेश की कैबिनेट बैठक में हुए निर्णय के बाद सरकार ने धार को बड़ी सौगात दी है। धार में जल्द ही मेडिकल कॉलेज खुलेगा, इसको लेकर कैबिनेट ने प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी हैं, आदिवासी बाहुल्य जिले में मेडिकल कॉलेज का ग्रामीण जनता को बहुत अधिक लाभ मिलेगा। क्योंकि आदिवासी जिले में धार ऐसा पहला जिला होगा, जहां पर कॉलेज खोलने को लेकर कवायद की जा रही है। प्रस्ताव मंजूर होने के बाद धार जिला प्रशासन कॉलेज को लेकर भूमि की तलाश करेगा, जमीन की जानकारी जल्द ही भोपाल भेजी जाएगी। मेडिकल कॉलेज को धार शहरी क्षेत्र के पास ही खोला जाएगा, ताकि शहर से सीधे तौर पर कॉलेज की कनेक्टिविटी बनी रहे।
दरअसल धार में जिला अस्पताल का भवन करीब 108 साल पहले बनाया गया था, उक्त भूमि के आसपास नया निर्माण अस्पताल को लेकर किया गया। किंतु पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं धार में लोगों को नहीं मिल रही थी, यहां पर ट्रामा सेंटर भी बनाया गया। जिसमें गत दिनों सीएसआर फंड से बनाए गए कक्ष की छत पर लगी पीओपी भी बारिश के कारण गिर गई थी, वहीं गंभीर मरीजों को भी धार के बजाय सीधे इंदौर ही रेफर किया जाता था, कई मर्तबा समय पर उपचार नहीं मिलने की बातें भी सामने आती थी।
धार भाजपा विधायक नीना वर्मा इस प्रकार की दिक्कतों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से भी मिली थी। जिसके बाद नगर पालिका के अनुसार में सीएम चौहान जनसभा को संबोधित करने आए थे, शहर के मोती बाग चौक में आयोजित सभा से ही सीएम ने घोषणा की थी कि धार में जल्द ही मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा व नर्मदा का पानी भी धार आएगा। ऐसे में मंत्री मंडल में कॉलेज खोलने को लेकर अब स्वीकृति मिल चुकी है।
7 ब्लॉकों के मरीज प्रतिदिन आते है –
धार जिले की वर्तमान आबादी करीब 30 लाख तक पहुंच चुकी हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी मरीज को प्राथमिक उपचार के बाद सीधे धार ही भेजा जाता है। किंतु यहां पर सालों पुराने अस्पताल में भी बडे शहरों जैसी सुविधाएं नहीं हैं, आसपास के 7 ब्लॉकों के मरीज प्रतिदिन धार आते है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 500 से अधिक ओपीडी होती हैं, साथ ही प्रतिमाह 400 से ऑपरेशन भी होते है।
ऐसी तमाम बिंदुओं के कारण धार को मेडिकल कॉलेज की जरूरत भी थी। वहीं कोरोना के बाद केंद्र शासन द्वारा तय व्यवस्था के अनुसार प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में ऐसे महाविधालय होना चाहिए। क्योंकि धार का संसदीय क्षेत्र इंदौर जिले के महू तक लगता है, ऐसे में घोषणा के बाद धार के पूरे आदिवासी क्षेत्र को इसका लाभ मिलेगा।
मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जहां भोपाल स्तर पर प्रयास किए जा रहे थे, वहीं पिछले दो तीन सालों से प्रशासनिक गलियारों में भी इसकी तैयारी शुरु हो गई थी। बताया जा रहा है, कि रतलाम रोड पर जमीन कृषि विभाग की है। जिसपर मेडिकल कॉलेज खोला जा सकता है। क्योंकि कॉलेज हमेशा शहर से कुछ देर व फोरलेन के नजदीक होता है। साथ ही कॉलेज बनाने में भी बड़े भूखंड की आवश्यकता होती हैं, भूमि को लेकर जल्द ही प्रशासनिक बैठक व निरीक्षण किया जाएगा। जिसके बाद अंतिम निर्णय भूमि को लेकर होगा, इसके अलावा भी स्थान की तलाश की जा रही है।
मिलेगी बेहतर सुविधा –
पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने चर्चा में बताया कि जिला मुख्यालय पर इस तरह का महाविद्यालय होना बहुत ही आवश्यक है। इससे यहां के लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। यहां पर स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में उत्कृष्टता आएगी। इस तरह की सुविधा मिलने से निश्चित रूप से आदिवासी बहुल जिले के 30 लाख लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बेहतर कदम होगा। सीएमएचओ डॉ शिरिष रघुवंशी ने बताया कि पूर्व में कॉलेज के लिए जमीन देखी गई थी, रतलाम रोड पर जगह मौजूद है। अब जमीन को लेकर विभागीय प्रक्रिया की जाएगी, इसके अलावा भी स्थान देखेंगे। जमीन को लेकर अंतिम निर्णय बैठक में ही होगा