सरदारपुर – विधायक ग्रेवाल ने कहा- सरकार ने विधानसभा ने बेरोजगारी के आंकडे पर गुमराह किया, एक साल मे 10 लाख बेरोजगार हो गए कम, लघु उद्योगों की सब्सिडी अभी भी बकाया
सरदारपुर। विधायक प्रताप ग्रेवाल ने कहा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा मे सरकार बेरोजगारी के असत्य आंकडे देकर गुमराह कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार के आंकड़ों में मई 2023 में 36 लाख बेरोजगार थे जो मई 2024 मे मात्र 26 लाख हो गए। सरकार इसका जबाब दे कि एक साल मे 10 लाख बेरोजगार कहां चले गए? सरकार ने स्वयं सदन में 4 साल मे मात्र 2 लाख 32 हजार बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की जानकारी दी है। यह भी उल्लेखनीय है कि मई 2022 से मई 2023 मे 8 लाख बेरोजगार बढे थे। ग्रेवाल ने कहा कि मेरे विधानसभा प्रश्न के जवाब मे सुक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि लद्यु उद्योग लगाने वाले नौजवानो की सब्सिडी के 1078 करोड देना लंबित है जो कि शासन के पास पर्याप्त बजट नही होने के कारण नहीं दिए गये हैं।
विधायक ग्रेवाल ने कहा कि सरकार बेरोजगारों के साथ-साथ उद्योग लगाने वाले नौजवानो के साथ भी अत्याचार कर रही है। बेरोजगारी के आंकडो मे अकल्पनीय और अविश्वसनीय उलटफेर है दिसंबर 2020 से दिसंबर 2021 में साढ़े पांच लाख बेरोजगार बढे हैं जबकि मई 2021 से मई 2022 मे साढ़े सात लाख बेरोजगार कम हो गए। दिसंबर 2022 से दिसंबर 2023 में ढाई लाख बेरोजगार बढे। वही मई 2023 से मई 2024 मे 10 लाख बेरोजगार कम हो गए।
विधायक ग्रेवाल ने कहा कि अशिक्षित तथा 8 वीं तक पढे लिखे मात्र 48894 बेरोजगार है जबकि 10 से स्नातकोत्तर तक पढे लिखे 19 लाख 32 हजार बेरोजगार हैं जिसमें एक लाख 30 हजार इंजीनियर तीन हजार 621 एमबीबीएस डॉक्टर और तीन हजार 449 बीडीएस डॉक्टर भी बेरोजगार हैं। वही वर्ग वार देखे तो एससी वर्ग के 4 लाख 68 हजार, एसटी वर्ग के 4 लाख 300, पिछडा वर्ग के 10 लाख 17 हजार एवं सामान्य वर्ग के 6 लाख 96 हजार बेरोजगार है। सरकार पढे लिखे नौजवानो को रोजगार दिलाने मे बुरी तरह असफल रही है और इसी का परिणाम है कि शिक्षित युवाओ में डिप्रेशन के साथ-साथ आत्महत्या के आंकडो मे तेजी से वृध्दि हो रही है।