सरदारपुर। रिंगनोद चौकी पर पदस्थ आरक्षक अशोक मौर्य के खिलाफ लोकायुक्त इंदौर कार्यालय में शिकायत हुई है। आरोपी आरक्षक ने ग्रामीण से करीब 50 हजार रुपए मांगे थे, इंदौर से आई टीम आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने का प्रयास करती रही। किंतु आरोपी आरक्षक नहीं मिला, ऐसे में लोकायुक्त इंदौर ने आरक्षक के खिलाफ आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है। आरोपी ने ग्रामीण की बाइक व मोबाइल भी रिश्वत नहीं देने के एवज में रख लिए थे, अब आगामी कार्यवाही लोकायुक्त इंदौर की टीम करेगी।
पक्षों ने कर लिया था समझौता –
लोकायुक्त इंदौर एसपी राजेश सहाय ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण कमल पिता रमेश भूरिया उम्र 25 साल निवासी ग्राम बिमरोड ने लोकायुक्त कार्यालय इंदौर उपस्थित होकर शिकायत कि थी। उसका भाई कालू गांव के लल्लू की नातिन को भगा ले गया था जिसकी शिकायत लल्लू ने थाने पर कर कर दी थी। लेकिन कमल के गांव की पंचायत ने दंड देते हुए 1 लाख 60 हजार रुपए दूसरे पक्ष के लल्लू को देने और लड़की को वापस करने का कहा। कमल व उसके परिवार ने मिलकर लड़की को पंचायत के सामने लल्लू को वापस कर 50 हजार रुपए भी दे दिए थे और बचे पैसे देने बाकि है। इसका दोनों पक्षों ने कोर्ट जाकर राजीनामा बनवाया। दोनों पार्टी ने समझौता थाने पर पेश कर दिया।
थाने की कार्यवाही के नाम पर मांगे रुपए –
थाना प्रभारी प्रतिभा तोमर ने बताया कि आरक्षक अशोक मौर्य ने कमल और उसके गांव के शंभू को थाने पर बुलाया और कहां अभी थाने की कार्यवाही बाकी है। मैं सब कार्यवाही कर रहा हॅू। थाने के 50 हजार रुपए लगेंगे नहीं तो सभी को जेल भेज दूंगा। कमल पर दबाव बनाकर 20 हजार ले लिए। साथ ही कमल की गाड़ी और मोबाइल अशोक मौर्य ने रख लिया और कहा जब बचे 30 हजार रुपए दे देना तो गाड़ी और मोबाइल ले जाना। इस प्रकार आवेदक से शेष बचे 30 हजार रुपए रिश्वत की मांग की जा रही थी जिसकी शिकायत लोकायुक्त कार्यालय इंदौर को की गई।
आरक्षक ने नहीं उठाया फोन –
टीआई तोमर ने इस प्रकार शिकायत सही पाये जाने पर बुधवार 3 सितंबर को ही ट्रेप दल का गठन किया गया। हालांकि आरोपी द्वारा कमल का फोन नहीं उठाया गया और आरोपी पुलिस चौकी पर नहीं मिला। आरोपी को लगातार फोन करने पर कमल के गांव के शंभू का फोन आया कि तुम्हारी गाड़ी और फोन अशोक मौर्य ने उसके घर पहुंच दिए है और कहा है कि पैसे लेकर गाड़ी और फोन दे दूं तो तुम सरदारपुर आ जाओ लेकिन रिश्वत राशि शंभू ने लेने से इनकार कर दिया। वहीं फोन लौटाया और गाड़ी सुबह देने का कहा था। इसी कारण आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया।



















