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राजगढ़ – भावांतर योजना की खरीदी के पहले दिन भारतीय किसान यूनियन(टिकैत) व किसानों ने जताई नाराजगी, मंडी गेट बंद कर किया प्रदर्शन, अधिकारियों ने दी समझाईश

राजगढ़। शुक्रवार को भावान्तर योजना के श्री गणेश के पहले ही योजना का विरोध प्रारंभ हो गया। यह विरोध किसान और भारतीय किसान यूनियन टिकेत संघ की ओर से किया गया। इनका कहना था कि शासन के द्वारा किसानो की सोयाबीन उपज की भावांतर राषि का स्पष्ट नहीं होने से किसानों के सोयाबीन किन भाव में खरीदे जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन (टिकेत) ने करीब 2 घंटे तक मण्डी के मुख्य द्वार को बंद कर दिया और जमकर शासन के विरुद्ध नारेबाजी की। प्रशासन की समझाईश के बाद गेट को खोला गया तथा सोयाबीन की खरीदी का क्रम शुरू हुआ। मंडी का गेट बंद होने से भावान्तर योजना के लिए बेचने आए सोयाबीन से भरे किसानों के ट्रेक्टर ट्रॉली लम्बी कतारो में खड़े रहे। भारतीय किसान यूनियन टिकेत का किसानों ने भी समर्थन दिया।

यूनियन के पदाधिकारी शुक्रवार 10 बजे मण्डी गेट के सामने खड़े होकर प्रदर्शन करने लगे। उनका कहना था कि किसानों के सोयाबीन किस भाव में खरीदे जाएंगे। मण्डी सचिव ने यूनियन को समझाने का प्रयास किया लेकिन नतीजा नहीं निकलने पर एसडीएम सलोनी अग्रवाल, तहसीलदार मुकेश बामनिया, नायब तहसीलदार केएस वास्केल, थाना प्रभारी दीपकसिंह चौहान मौके पर पहुंचे तथा यूनियन के सदस्यों ओर किसानों को समझाइश देने के बाद भावान्तर योजना की खरीदी प्रारंभ हुई।

गौरतलब है कि शुक्रवार से शासन की महत्वाकांक्षी भावान्तर योजना के तहत सोयाबीन कि खरीदी प्रारंभ हुई लेकिन योजना के पहले दिन ही मॉडल भाव का खुलासा नही होने से भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने किसानों के समर्थन में सड़क पर उतर आए। करीब 2 घंटे तक उन्होंने मंडी गेट पर खड़े होकर ट्रैक्टर ट्रालीयो को अंदर नही जाने दिया ओर मॉडल भाव का खुलासा करने की मांग पर ही अड़े रहें। लंबी जद्दोजहद के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की समझा इसके बाद खरीदी प्रारंभ हुई था मंडी सचिव श्यामलाल पवार ने बताया कि 17 अक्टूबर का जो मॉडल भाव था उसी के मान से आज खरीदी कि गई हैं। 7 नवंबर को सोयाबीन की खरीदी का जो मॉडल भाव होगा उसी के आधार पर इन किसानों को भावांतर की राशि दी जाएगी तथा 8 नवंबर से प्रतिदिन मॉडल भाव आने के बाद ही भावांतर की राशि तय हो पाएगी।

भारतीय किसान यूनियन(टिकैत) के जिलाध्यक्ष राकेश सोलंकी ने बताया कि शासन ने भावान्तर योजना को लागू करने से पहले स्पष्ट नही किया कि किसानों के सोयाबीन किन दामों में खरीदे जाएंगे। इसी बात को लेकर किसानों के समर्थन में यूनियन ने प्रदर्शन किया।

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