राजगढ़। सनातन धर्म के 13 मंदिरों में चल रही श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के समापन अवसर पर आठ सितंबर को धर्मनगरी में ऐतिहासिक धर्मयात्रा निकाली जाएगी। यात्रा में चार प्रदेशो के कलाकार शिरकत करते हुए समा बांधेंगे। इसमें हजारों की संख्या में सनातनी पहुंचेंगे। यात्रा को लेकर श्रीचारभुजा युवा मंच द्वारा तैयारियों को मूर्तरूप दिया जा रहा हैं।
मंच अध्यक्ष सौरभ गर्ग ने बताया कि यात्रा प्रातः 11 बजे श्रीमाताजी मंदिर से प्रारंभ होगी। यात्रा में अनेकों आकर्षण केंद्र शामिल रहेंगे। इस बार यात्रा को लेकर मंच द्वारा विशेष तैयारियां की गई हैं। यात्रा में मध्यप्रदेश सहित दिल्ली, गुजरात और राजस्थान के कलाकार शिरकत कर प्रस्तुति देंगे। यात्रा में मुख्य आकर्षण श्री लड्डू गोपालजी की पालकी, बाबा श्याम का दरबार, चिराग ग्रुप दिल्ली के कलाकारों द्वारा धार्मिक प्रस्तुति, चिंपाजी, श्री तिरूपति बालाजी की झांकी, श्रीनाथजी की झांकी, सात बैंड, शाही बग्गियां, राजस्थानी कच्छी घोड़ा, मां शक्ति ग्रुप बड़ौदा के कलाकारों द्वारा धार्मिक विधाओं पर आधारित प्रस्तुति, श्री पंचमुखी हनुमानजी, श्री नंदीजी, श्री विष्णुजी भगवान की झांकी शामिल रहेंगी। इसके अलावा यात्रा में मोटू-पतलु, राजा-रानी, पांडा, ढोल, घोड़े सहित अन्य आकर्षण शामिल रहेंगे।
हर घर दे रहें निमंत्रण –
मंच के परामर्श समिति सदस्य मनेाज माहेश्वरी एवं नवीन बानिया ने बताया कि यात्रा को लेकर मंच द्वारा इस बार पर नगर के समातन समाज के प्रत्येक व्यक्ति को यात्रा में शामिल होने के लिए हर घर निमंत्रण अभियान के तहत निमंत्रण दिया गया हैं। ताकि यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में सनातनियों की सहभागिता हो सके। मंच के गोपाल माहेश्वरी एवं अंतिम कमेड़िया ने बताया कि यात्रा मार्ग में तोरण और स्वागत बैनर को लेकर सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से भी अपील की गई हैं। वही यात्रा में अब तक एक ही रथ पर सभी 13 मंदिरों के कथा पुराणियों के बैठने की व्यवस्था की जाती थी, लेकिन इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए सात विशेष बग्गी शामिल की गई हैं। इन पर पुराणियों को बैठाया जाएगा।
यह रहेगा यात्रा का रूट –
महासचिव सुजीत ठाकुर एवं महेश राठौर ने बताया कि यात्रा श्रीामाजी मंदिर से प्रारंभ होकर न्यू बस स्टैंड, पुराना बस स्टैंड, मैन चौपाटी, तीन बत्ती, लाल दरवाजा, चबुतरा चौक होते हुए पुनः माताजी मंदिर पहुंचेगी। यात्रा को लेकर मंच के संरक्षक मांगीलाल राठौर, कैलाश माहेश्वरी, गणेशलाल शर्मा, दारासिंह चौहान के मार्गदर्शन में मुकेश माहेश्वरी, पवन जोशी, गिरीराज राठौर, ओमप्रकाश परमार, घनश्याम सोलंकी, दुर्गाप्रसाद सोलंकी, हरिओम सोनी, विजय व्यास, गोविंद मोरी, राकेश सोलंकी, धर्मेन्द्र कमेड़िया, पुनमचंद कौषल, भरत मोरी, दीपक पटेल, मनीष मकवाना, कृष्णा बारोड़, राहुल यादव, अजय भावसार, कृष्णा कौषल, कपील राठौर, रवि पंवार एवं राजेंद्र पड़ियार तैयारियों में लगे हुए है।



















