सरदारपुर। देश का का अन्नदाता किसान है देश की आर्थिक प्रगति मे उसके योगदान को नजर अंदाज नही किया जा सकता है। लेकिन इन दिनो किसान परेशान है। खाद बीज की कमी हो या पर्याप्त मात्रा मे बिजली पानी की व्यवस्था हो हर क्षैत्र मे किसान को परेशानी का सामना करना पडता है।
वही सरदारपुर तहसील के ग्राम मौलाना मे बारिश के दौरान वर्षो पुराना तालाब फुटने से जहा किसानो की फसले बर्बाद हो गई थी जिसका मुआवजा भी उन्हे नाम मात्र का मिला। वही तालाब फुटने से बहे पानी के बाद किसान रबी की फसलो की पैदावर भी नही कर पाए। तालाब फुटने के बाद क्षतिग्रस्त हिस्से के सुधार कार्य को लेकर कछुए की चाल से चल रही विभागीय कार्यवाही से भी किसानों मे रोष देखने को मिल रहा है। अभी तो किसान सब्र के साथ बैठे हुए हैं लेकिन कब इनके सब्र का बांध टुट जाये कुछ कहा नही जा सकता है।
ग्राम पंचायत मौलाना के उप सरपंच लोकेंद्र सिंह पंवार ने कहा की मौलाना तालाब से करीब 500 बिघा मे सिंचाई सुविधा का लाभ किसानो को मिलता है। बारिश के पूर्व तालाब के टुटे हुये हिस्से मे सुधार कार्य को लेकर विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है। विभाग बारिश के पुर्व सुधार कार्य पूर्ण करवा देता है तो किसानो को रबी की फसल का लाभ मिल जाएगा।
वही ग्राम पंचायत मौलाना के सरपंच प्रतिनिधी लक्ष्मण सिंह खराडी ने बताया की विभागीय कार्यवाही काफी धीमी गति से चल रही है किसान अभी सब्र के साथ बैठा हुआ हे यदि जल्द सुधार कार्य आरंभ नही किया गया तो मजबूरन हमे आंदोलन की राह पकड़ना पडेगी।
विधायक बोले- पत्र लिखकर की है मांग –
सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल ने कहा कि बारिश के दौरान फुटे मौलाना तालाब की क्षतिग्रस्त पाल की सुधार को लेकर सीएम,जल संसाधन मंत्री एंव विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर मामले से अगवत कराया गया है। साथ ही मांग की गई है की जल्द प्रशासकीय स्वीकृति के आदेश जारी कर वर्षा काल के पुर्व कार्य पुर्ण करवाया जाए ताकी बारिश का पानी तालाब मे संग्रहीत हो सके एंव किसान रबी की सीजन मे सिंचाई सुविधा का लाभ मिल सके।
प्रशासकीय स्वीकृति का इंतजार –
जल संसाधन विभाग के एसडीओ एमए सिद्दीकी ने कहा कि बारिश में फुटे मौलाना तालाब की क्षतिग्रस्त पाल की सुधार को लेकर 52 लाख 52 हजार की स्टीमेट बनाकर मार्च माह में तकनीकी स्वीकृति करवाई जाकर प्रशासकीय स्वीकृति के लिये भोपाल भेजा गया है। वहां से प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर होकर निर्माण कार्य आरंभ किया जायेगा। विभाग का पूरा प्रयास है की बारिश के पूर्व कार्य पूर्ण हो जाए।