सरदारपुर। राजोद क्षेत्र के ग्राम सातसुई में कुएं से पानी की मोटरों को चोरी करने वाले गिरोह को पुलिस टीम ने अरेस्ट किया है। गांव के युवक ने झाबुआ निवासी दोस्त के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था, मोटरों को चोरी करने के बाद जंगल में छिपा रखा था। ऐसे में पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर अर्जुन मावी को अरेस्ट किया तो चोरी की पूरी वारदात का खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में कुल दो आरोपियों को अरेस्ट किया है।
दरअसल थाना राजोद पर दिनांक 24 सितंबर को फरियादी मकनसिंह पिता रतनसिंह खराड़ी उम्र 45 वर्ष एवं अन्य चार किसान ने थाने आकर रिपोर्ट की थी। जिसमें बताया कि ग्राम सातसुई में माही डेम के पानी में किसानों द्वारा खेतों में पानी देने के लिए एक साथ पाँच पानी की मोटरे रखी थी, जो अनंत चौदस की रात्री में पाँचों मोटरे कीमती करीब एक लाख अट्ठारह हजार रुपये की कोई अज्ञात चोर द्वारा चोरी कर ली गई। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरु की।
वर्तमान में किसानों द्वारा रबी की फसल बोने की तैयारी चल रही है। एक साथ मोटर चोरी होने पर एसपी मनोज कुमारसिंह ने घटना को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर मोटर जब्त करने हेतु निर्देशित किया था।
सरदारपुर एसडीओपी आशुतोष पटेल ने बताया कि थाना राजोद पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए मुखबिर सूचना पर अपराध विवेचना के दौरान आरोपी अर्जुन पिता सोहन मावी उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम सातसुई को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर अपने अन्य साथी बहादुर मुनिया निवासी ग्राम भाण्डनकुआ चौकी उमरकोट जिला झाबुआ के साथ मिलकर रात्री के समय माही डेम के पानी में रखी हुई पाँच मोटरे चोरी करने की वारदात कबूल की। साथ ही अमृतलाल पिता रामा मेडा उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम गुलरीपाडा थाना राजोद की पीकअप वाहन में भरकर ले जाना और अपने साथी बादर के खेत के पास ग्राम झिरी उमरकोट के जंगल में पानी की मोटरे छिपाकर रखना स्वीकार किया।
पुलिस ने आरोपी अर्जुन के कब्जे से ग्राम झिरी के जंगल से छिपाकर रखी हुई पानी की कुल 05 मोटरे कीमत सहित घटना में प्रयुक्त पीक अप वाहन को जप्तख किया गया। प्रकरण में शेष आरोपी फरार है जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी
है।
आरोपियों को गिरफ्तार करने की कार्यवाही थाना प्रभारी राजोद निरीक्षक हिरुसिंह रावत, सहायक उप निरीक्षक पीएस डामोर, प्रधान आरक्षक मंगलसिंह मेडा, आरक्षक भंवरसिंह निनामा, कैलाश बारिया, राकेश वसुनिया, वेलसिंह मेडा, मेहन्द्रसिंह बसुनिया, सैनिक राजेश बगडावत और सैनिक प्रकाश बैरागी, सायबर सेल के आरक्षक शुभम शर्मा, प्रशांतसिंह चौहान का विशेष योगदान रहा है।