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शक्ति की भक्ति के पर्व नवरात्रि में अनूठी आराधना : अमोदीया के दयाराम निराहार रहकर 2551 लोहे की कील पर लेटकर कर रहें साधना

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राजगढ़। मां शक्ति की आराधना के पर्व नवरात्रि में हर कोई माता की भक्ति में लीन हैं। माता को प्रसन्न करने के लिए भक्त तरह-तरह के जतन कर रहे। माता के प्रति अगाध श्रद्धा देखने ओर अटूट विश्वास का नजारा राजगढ़ के समीप ग्राम अमोदीया में देखने को मिल रहा है। ग्राम अमोदीया में छोटा ऊंचा कोटड़ा धाम स्थित चंडी चामुंडा माता मंदिर में भक्त दयाराम कटारा निराहार रहकर 2551 लोहे की कील पर लेटकर माता की आराधना कर रहें है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। भक्त दयाराम की इस साधना को देखने के लिए क्षेत्र के लोग मंदिर पहुंच रहे है।

माता पर अटूट विश्वास, इसलिए यह आराधना-
अमोदीया निवासी दयाराम कटारा नवरात्रि के पहले दिन से ही निराहार रहकर माता की आराधना कर रहे है। लोहे की करीब 2551 कील से बने बिस्तर पर लेटकर तथा अपने पेट पर ज्वार बोए हुए ज्योति कलश प्रज्वलित कर माता की साधन कर रहे, जो नवरात्रि के अंतिम दिन समाप्त होगी। भक्त दयाराम कटारा सुबह तथा शाम को केवल 2-2 घुट पानी पीकर निराहार रहकर यह कठोर साधना कर रहे है। भक्त दयाराम का कहना है कि उनकी माता के प्रति अटूट विश्वास है, इसलिए वे इस बार नवरात्रि में यह कठोर आराधना कर रहें है।

देश में बनी रहे शांति इसलिए कर रहे आराधना –
मंदिर के पुजारी बालकदास बैरागी ने बताया कि भक्त दयाराम कटारा की यह नव दिवसीय साधना है। जिसमे उन्होंने अन्न-जल का त्याग किया है। भक्त दयाराम की साधना का मुख्य उद्देश्य भारत देश में शांति बनी रहे। विश्व मे कई स्थानों पर युद्ध हो रहे है लेकिन हमारे देश मे शांति रहे तथा क्षेत्र के लोगों पर मातारानी का आशीर्वाद बना रहे।


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