धार – पीथमपुर में यू.का. कचरा जलाने के विरोध में बवाल, 2 युवको ने की आत्मदाह की कोशिश की, पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़, बरसाए पत्थर, पुलिस ने भांजी लाठियां, चारो ओर ट्राफिक रहा जाम

धार। अपने जीवन की अमूल्य सांस लेने के लिए हवा को दूषित नहीं होने के लिए पीथमपुर की जनता एकमत होकर सड़क पर उतरे हैं क्योंकि भोपाल से जहरीला कचरा ट्रैकों के माध्यम से पीथमपुर लाया गया है। जब अब पीथमपुर भी में रामकी की कंपनी में जलन जा रहा है । जिसको लेकर स्थानी लोगों ने आज बाजार बंद कर धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया वहीं विरोध के बदले प्रशासन व पुलिस द्वारा उनको इनाम के रूप में लाठियां चार्ज किया है जिसमे कही चोटी लगी। वही यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के विरोध में पीथमपुर-सागौर पूरा बंद, बाजारों में पसरा सन्नाटा पसरा पड़ा है। भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध तेज, जनता को नहीं समझ आए जनप्रतिनिधियों के तर्क। सीएम और मंत्री की अपील का भी नहीं दिखा असर।

वही लोगो ने सीएम का पुतला भी जलाया। भोपाल गैस कांड के कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध तेज हो गया है। आज सुबह शाम तक पूरा पीथमपुर बंद रहा। कहीं पर भी दुकानें नहीं खुली हैं। लोगों ने स्वेच्छा से दुकानों को बंद रखा है। हजारो लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बंद के समर्थन में पीथमपुर के उद्योगों ने भी अपने उद्योग बंद कर दिए हैं। इसके साथ ही पुलिस भी पूरे पीथमपुर के हर क्षेत्र में नजर बनाए रखी हुई है। शुक्रवार को जगह जगह विरोध के रूप में लोगों ने चक्काजाम कर दिया जो दिनभर चलता रहा। वही धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, एसपी मनोज कुमार सिंह, व एडिशनल एसपी इंद्रजीत बकरवाल एसडीएम प्रमोद कुमार गुर्जर, टीआई राजेन्द्र सोनी , व ओपी अहीर मौके पर मौजूद थे।

12 साल पहले जर्मनी की कंपनी 25 करोड़ रुपए में कर रही थी निस्तारण, अब 126 करोड़ लगे –
यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे का निस्तारण 12 साल पहले जर्मनी की कंपनी 25 करोड़ रुपए में करने को तैयार थी। भोपाल से 6 हजार किमी दूर जर्मनी में ही इसका निस्तारण होना था। सितंबर 2012 में जर्मन संस्था जीआईजेड (जीआईजेड) ने कचरे के ट्रांसपोर्टेशन और निस्तारण के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया था। तब पर्यावरण कार्यकर्ताओं के विरोध का हवाला देकर प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अब इसी कचरे के निपटान पर केंद्र सरकार को 126 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के अफसरों ने बताया कि कचरे को अंकलेश्वर (गुजरात), नागपुर (महाराष्ट्र) के अलावा जर्मनी के हेमबर्ग शहर में निस्तारित करने की योजना बनी। स्थानीय विरोध के चलते यह विफल रही।

कचरा आते ही उग्र हुआ प्रदर्शन –
कल रात भोपाल से पीथमपुर में कचरा आने के बाद से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सांसें फूली हुई हैं। पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की समझाइश का जनता पर कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। सभी संगठन, संस्थाएं एक मंच पर आकर इसका विरोध कर रही हैं। स्थानी लोगों का कहना है कि यह कचरा हमारी मौत का कचरा बनकर ही रहेगा ना इस ओर सरकार ना ही प्रशासन कोई ध्यान दे रही है कचरा जलाना था तो अन्य जगह जलाया जाता पीथमपुर ही क्यों चुना।

सड़क पर उतरे लोग-
पूरा पीथमपुर बंद, हजारो लोग सड़कों पर उतरे, नेताओं अधिकारियों की सांसें फूली हुई। भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध तेज, जनता को नहीं समझ आए जनप्रतिनिधियों के तर्क। सीएम और मंत्री की अपील का भी नहीं दिखा असर। वही बड़े नेता कोई मौजूद नही रहे। वही लोगो का कहना था कि बस वोट के वक्त ही आते नेता अब जूते के हार पहनाएंगे

बच्चे भी हुए शामिल –
पीथमपुर विरोध के रूप में बच्चों ने भी मैदान पकड़ लिया है। वहां युवा, महिलाएं, बच्चे सब प्रदर्शन में शामिल होकर विरोध कर रहे है वही रहवासियों घरों से बाहर निकल कर समर्थन कर रहे है। बंद को रहवासियों का पूरा साथ मिला है। हर जगह बंद का असर नजर आ रहा है। कोई भी सड़कों पर कारोबार करता नजर नहीं आ रहा। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि कचरा जलाना शुरू किया तो आंदोलन और भी भड़क जाएगा।

इंदौर से गए कई संगठन –
इंदौर से कई संस्थाओं और सामाजिक संगठनों के लोग पीथमपुर गए हैं। बड़ी संख्या में इंदौर में भी लोग इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मजदूर संघ, किसान संघ, रहवासी संघ और कई संस्थाएं पीथमपुर जाकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रही हैं। वहीं लोगों का कहना है अगर यह कचरा जलता है तो इससे कहीं खतरनाक बीमारी होने का अंदेशा बना रहेगा

सीएम की अपील का नहीं दिखा असर –
कल सीएम मोहन यादव ने विरोध कर रहे लोगों को संतुष्ट करने का प्रयास किया लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा। भोपाल से इंदौर आए 337 टन विषैले कचरे को लेकर जारी विरोध के बीच इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में एक बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि हमें भी शहर की चिंता है। रातभर हमने सरकार को सोने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जहरीले कचरे से जनता भयग्रस्त न हो, शंका का समाधान जरूरी है। उन्होंने सभी से बात की लेकिन उनकी बात से भी आंदोलन पर खासा असर नहीं पड़ा। सुबह होते ही हजारो लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए निकल गए।

दो युवकों ने आत्मदहा करने की कोशिश –
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाए जाने के विरोध में आंदोलन कर रहे राजू पटेल और राजकुमार रघुवंशी ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को इंदौर के निजी अस्पताल भेजा गया है। इससे भड़के आंदोलनकारी रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज जाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके उन्हें रोक लिया है। उधर, बस स्टैंड पर चल रहे धरना प्रदर्शन के मद्देनजर वाहनों को महेंद्रा ब्रिज होते हुए पावर हाउस चौराहे से डायवर्ट किया गया है। यहां मौजूद महिलाओं ने चूड़ियां इकट्ठा कर जनप्रतिनिधियों को भेजने की बात कही है। पीथमपुर बचाओ समिति के सदस्य भी दिल्ली से लौटकर प्रदर्शन स्थल पहुंच गए हैं। वहीं, गुरुवार से अनशन पर बैठे किसान संदीप रघुवंशी ने कहा है कि जहरीला कचरा यहां से वापस जाने तक अनशन जारी रहेगा

धार जिले के पीथमपुर में एकमात्र प्लांट –
एमपी में औद्योगिक इकाइयों में निकलने वाले रासायनिक और अन्य अपशिष्ट के निष्पादन के लिए धार जिले के पीथमपुर में एकमात्र प्लांट है। यहां पर कचरे को जलाने काम किया जाता है। यह प्लांट सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशा-निर्देशानुसार संचालित है।

हर घंटे जलाया गया था 90 किलो कचरा –
पीथमपुर स्थित इंसीरेनेटर में 13 अगस्त 2015 को भी यूनियन कार्बाइड से 10 मीट्रिक टन जहरीला कचरा निष्पादन के लिए भेजा गया था। तब ट्रायल रन के तौर पर 3 दिन इसे जलाया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रायल रन के दौरान इंसीरेनेटर में हर घंटे 90 किलो कचरा जलाया गया था। इसी ट्रायल रन रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने अब राज्य सरकार को यूनियन कार्बाइड कारखाने में रखे 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे का निपटान पीथमपुर में करने के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर व एसपी ने की अपील – कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि पीथमपुर के निवासियों को मैं यह सूचना देना चाहता हूं कि आज पीथमपुर बस स्टैंड पर लोगों ने यूनियन कार्बाइड का जो कचरा लाया गया है उसका विरोध किया है। इससे कुछ कानून व्यवस्था भी बिगड़ी थी, मेरा सभी प्रदर्शनकारियों से यह विशेष आग्रह है कि यह कानून व्यवस्था अपने हाथ में न ले, प्रशासन आपकी सभी बातों को बहुत ध्यानपूर्व सुनेगा और उसका हल करेगा। यह पूरी कार्रवाई माननीय उच्चन्यायालय के निर्देशानुसार राज्य शासन बहुत गंभीरता से आगे बढ़ रही है। कचरे का निष्पादन सभी को पूर्ण जानकारी देने के बाद ही किया जाएगा। वही एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि मैं जनता से अपील करता हूं कि पीवमपुर जो कचरा आया है उसे लेकर सरकार पूरी तरह संजीदा है और साइंटीफिक तरीके से इस कचरे को नष्ट किया जाएगा। सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे आम जनता को कोई क्षति हो। उन्होंने कहा कि जो आखिरी कदम उठाया जाएगा वह सबकी सहमति के बाद ही उठाया जाएगा, लेकिन मेरा आग्रह है कि कोई भी कानून को अपने हाथ में न ले। हम और कलेक्टर मौके पर है, सबकी बात हम सुनने को तैयार हैं, अगर कोई कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का काम करेगा, हमार बातों को नहीं मानेगा, नियमों उल्लंघन करने का प्रयास करेगा तो हम सब कार्रवाई करेंगे।

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