सरदारपुर – पति की हत्या में शामिल पत्‍नी सहित एक अन्‍य आरोपी को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, फावड़े से हमला कर लाश को फैंका था माही डैम में

सरदारपुर। ग्राम लाबरिया में पत्नी ने पति की हत्‍या कर दी थी, इस मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ हत्‍या में शामिल एक महिला को कोर्ट ने फरार घोषित किया हैं, तीन साल पहले आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया था।

सरदारपुर की द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी रेखा बाई पति स्वर्गीय सुखराम (48) नि. चापल्दा घाटी (कुंडाल),थाना पेटलावद, जिला-झाबुआ एवं मनोज उर्फ मनोहर (30) पिता- गुलाब मेंढ़ा ,निवासी- माही कॉलोनी पेटलावद जिला झाबुआ को आजीवन कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है।
प्रकरण के बारे में जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि राजोद थाने पर प्रस्तुत अभियोग पत्र के अनुसार घटना दिनांक 14 मार्च 2022 की है।

घटना वाले दिन सुबह ग्राम लाबरिया स्थित माही डैम का चौकीदार प्रवीण जब अपनी ड्यूटी करने पहुंचा था तो उसे बकरी चराने वाले कुछ लोगों ने बताया कि डैम की दीवार के पास एक लाश पड़ी हुई है। उसने तत्काल डैम के अधिकारी और पुलिस को सूचना दी। पुलिस के आने पर मृतक की पहचान सुखराम पिता नाथु के रूप में की गई। मृतक बस कंडक्टर का काम करता था तथा मृतक सुखराम कोटा से आरोपीगण रेखा बाई तथा उसकी लड़की माया को अपने घर ले आया था। रेखा बाई मृतक सुखराम की पत्नी बनकर रह रही थी। जिससे परेशान होकर उसकी पहली पत्नी मुन्नी बाई अपने मायके चली गई थी।

पुलिस ने मृतक सुखराम की लाश का पोस्टमार्टम करवाया तथा विवेचना के दौरान रेखा बाई तथा उसकी लड़की माया बाई एवं एक अन्य अभियुक्त मनोज उर्फ मनोहर द्वारा अपराध करना पाया गया। पुलिस ने अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। विचारण के दौरान माया बाई को फरार घोषित किया गया। अभियोजन की ओर से 14 साक्षीगणों को परीक्षित कराया गया जबकि अभियुक्त पक्ष की ओर से बचाव में एक साक्षी को परीक्षित कराया गया।


न्यायालय में आए साक्ष्य से यह तथ्य प्रकट हुआ की मृतक सुखराम आरोपी रेखा बाई पर चरित्र शंका करता था। जिसके कारण उन दोनों के बीच आए दिन विवाद होता था। जिससे निजात पाने के लिए आरोपी रेखा बाई उसकी पुत्री एवं सह अभियुक्त मनोज उर्फ मनोहर ने गेंती फावड़ें की सहायता से मृतक सुखराम की हत्या कर दी और उसकी लाश को माही डैम किनारे फेंक दिया। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को विश्वसनीय माना गया। तथा आरोपी गण को आजीवन कारावास एवं पॉच -पॉच हजार रु के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड अदा ना किए जाने की दशा में पृथक से करवास भुगताए जाने का आदेश भी प्रदान किया गया।

Leave a Comment

error: Content is protected !!