राजगढ़। दलपुरा में स्थित श्री देवस्थान माताजी मंदिर को शासकीय मंदिरों की सूची में दर्ज किए जाने के विरोध में मंगलवार को सिर्वी समाजजनों ने सरदारपुर में तहसीलदार मुकेश बामनिया को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया कि यह मंदिर समाज की निजी भूमि पर निर्मित है और इसका संचालन, देखरेख एवं धार्मिक गतिविधियाँ सदैव से सिर्वी समाज द्वारा की जाती रही हैं। अतः इसे शासकीय मंदिरों की सूची से हटाया जाए।
ज्ञापन में समाजजनों ने यह भी बताया कि देवस्थान माताजी मंदिर समाज का आराध्य स्थल है। वर्ष 1971–72 के राजस्व रिकॉर्ड में भी भूमि समाजजनों के नाम पर दर्ज है। ऐसे में मंदिर को शासकीय सूची में शामिल करना पूरी तरह तथ्यों के विपरीत एवं अनुचित है। मंदिर के निर्माण, मरम्मत और व्यवस्थापन का कार्य समाज स्वयं अपने स्तर पर करता है। इसके बावजूद हाल ही में शासकीय मंदिरों की सूची में इस मंदिर का नाम दर्ज कर दिया गया है, जिससे समाज में आक्रोश व्याप्त है।
समाज द्वारा ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि मंदिर को तत्काल शासकीय सूची से हटाया जाए और इसकी स्थिति पूर्ववत निजी स्वामित्व की ही मानी जाए। यदि शीघ्र ही सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई तो समाजजन आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद थे।