सरदारपुर। जयस संगठन द्वारा तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर ग्राम पंचायत पिपरनी में आदिवासियों के पट्टे वाली जमीन को सरपंच व सचिव की मिलिभगत से जबरन गैर आदिवासियों को कब्जा कर अवैध रुप से मकान निर्माण करने का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की।
जयस ने ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत पिपरनी में आदिवासियों को पट्टे दिए गए थे, उन पर गैर आदिवासियों द्वारा जबरन कब्जा कर अवैध रुप से मकान बनाया जा रहा है। जिससें संविधान और पैसा एक्ट की खुलेआम धजिया उडाई जा रही है।
पूर्व में तत्कालीन तहसीलदार दिपाली जाधव द्वारा ग्राम पिपरनी के आदिवासियों को पट्टे दिए गए थे। वर्तमान समय में सरपंच व सचिव की मिलीभगत से आदिवासियों की पट्टे की जमीन छिनकर गैर आदिवासियों को दी जा रही है। मप्र अनुसुचित आदिवासी क्षेत्र में भू-राजस्व संहिता की धारा 165 के अनुसार किसी भी आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण रुप से प्रतिबंधित है।
ऐसे ग्राम पंचायत पिपरनी में कई परिवार हैं, उन परिवारों के पास रसीद व उनकी प्राप्तियां भी है। उक्त गंभीर मामले को संज्ञान में लिया जाए तथा गरीब आदिवासियों की पट्टेवाली जमीन को उन्हे दिलाया जाए और सरपंच तथा सचिव पर कानूनी कार्यवाही की मांग की।
इस दौरान जयस तहसील अध्यक्ष विदेश गणावा, जयस अध्यक्ष कन्हैया मालीवाड, कमलेश डावर, आकाश भाबर, दशरथ गुड़िया, विजय मेडा, बंटी भूरिया, शिवा निनामा, विजय सरल, राजेश पटेल, संदीप मसार सहित अन्य उपस्थित रहें।
इस मामले में ग्राम पंचायत पिपरनी के सरपंच से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नही हो पाया।