नरेंद्र पँवार @ दसई। क्षेत्र के किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिले, इसलिए शासन ने कृषि यहां उपमंडी की व्यवस्था की। यहां पर उपमंडी होने के बाद भी इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। सरदारपुर तहसील का दसई सबसे बड़ा गांव है। यहां राजगढ़ मंडी की उपमंडी की व्यवस्था 30 वर्ष पूर्व में की थी, लेकिन यह उप मंडी मात्र दिखावे के लिए ही बनी ऐसा लगता है। यहां सीजन में नई फसल के आने के बाद जोर-शोर के साथ शुभारंभ होता है मगर इस बार तो नहि उप मंडी का मुहूर्त भी नहीं हूं है। इस बार किसान इंतजार करते रहे उसके बाद भी मंडी चालू नहीं हुई वही मंडी में बाद में सन्नाटा छा जाता है। ऐसा लगता है मानो यहां मंडी ही न हो। मानव के यहां पर विश्रामगृह हो बन चुका है क्योंकि आए दिन लोगों को आराम करते हैं करते दिखाई देते हैं।

1990 में शुरू हुई थी उपमंडी –
1 नवंबर 1990 में शासन ने यहां उपमंडी का श्रीगणेश करोड़ो रुपए की लागत से किया था, मगर आज तक यहां कभी भी किसी भी सीजन में पूरे समय मंडी नही चली। मात्र एक या दो दिन चलकर इतिश्री हो जाती है।
50से अधिक गांवों से जुड़ी मंडी –
दसई कृषि उपज उपमंडी मे दसई सहित आसपास के कई छोटे-बड़े लगभग 50 गांव आते हैं, जो दसई पर निर्भर रहते है। इनमें चोटियाबालोद, पद्मपुरा, चिराखान, खुटपला, केसरपुरा, सगवाल, बालोदा, सोन्याखेड़ी, घटोदा, बामनखेड़ी, दंतोली, भीलगुन, पाना, खिलेड़ी, धामंदा, लुहारी सहित कई गांव आते हैं। दसई की जनसंख्या लगभग 12 हजार हैं। वही आसपास के सभी गांवो की जनसंख्या को मिलाकर लगभग 50 हजार के करीबन है। मगर उपमंडी के नहीं चलने पर किसानों को अपनी उपज को 40 किमी दूर धार जिला मुख्यालय या 35 किमी दूर राजगढ़ जाना पड़ता है। इससे समय के साथ-साथ आर्थिक मार भी पड़ती है।

ये सुविधा हैं मंडी में –
व्यापारियों के लिए 10 दुकानों के साथ-साथ 2 बड़े गोदाम के अलावा 2 टीन शेड के अलावा मवेशियों के लिए पीने के पानी का हौज भी बना हुआ है। इसके अलावा पूरे मंडी प्रांगण में विद्युत की व्यवस्था भी की गई है। सारी सुविधा कितनी सही है यह तो मंडी वाले ही बता सकते है। वर्तमान में बनीं दुकानों से बारिश के समय रिसाव होता है। वहीं टीनशेड पर लगे चद्दर भी इतने समय के बाद जबाब देने लगे है। क्योंकि मंडी के बंद होने से किसान अपनी उपज को लेकर इधर-उधर भटकता रहा। यदि दसाई उपमंडी चलती रहती तो इसका नजारा अलग ही रहता और हर किसान खुश नजर आता।
किसानों ने कहा- झेलनी पड़ रही है परेशानी –
किसान कवरलाला हिरातेजा ने बताया कि दसाई की उपमंडी के नहीं चलने से किसानों को काफी परेशानी उठाना पड़ रही है। अपनी उपज को लेकर धार या अन्य जगह ले जाना पड़ती है। इससे समय के साथ-साथ आर्थिक नुकसान होता है। वहीं किसान राजेश पाटीदार ने कहा कि यह किसानों का क्षेत्र है, मगर दसई की उपमंडी के नहीं चलने से परेशानी होती है। शासन को दसई की उपमंडी को अतिशीघ्र नियमित प्रारंभ करना चाहिए, ताकि किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके।
शहीद चंद्रशेखर आजाद विकास समिति दसई के अध्यक्ष नारायण मुकाती कहना है गेहूं फसल किसने की घर पर आ चुकी है परंतु अभी तक मंडी का शुभारंभ नहीं हो पाया है ऐसे में कहीं ना कहीं देखा जाए तो अधिकारी द्वारा मंडी चालू नहीं करने से क्षेत्र के किसानों को काफी नाराजगी देखी जा रही है। मामले में राजगढ़ मंडी सचिव एसएम पँवार ने बताया व्यापारी व किसानों की मीटिंग लेकर अति शीघ्र मंडी को चालू करने का प्रयास किया जाएगा।