दसाई – अतिप्राचीन रामरामेश्वर धाम में 51 कुण्डात्मक श्री हरिहर महायज्ञ कलश यात्रा के साथ हुआ प्रारंभ

दसाई। यज्ञ करने से वायुमंडल की शुद्धता होने के साथ ही देवता भी प्रसन्न होते है वही यज्ञ में बैठने वाले यजमान की मनोकामनएं भी पूरी होती है। नगर सहित आसपास में शान्ति बनी रहती हैं। जहां धर्म है वहा सबकुछ है। ऐसे भी दसाई धर्म की नगरी है, जहां हमेशा धर्म की गंगा बहती रहती हैं उक्त बात यज्ञाचार्य डाॅ. गोपालकृष्ण शुक्ल (कलसाडा) ने क्षैत्र के प्रसिद्ध अतिप्राचीन रामरामेश्वरधाम में मंगलवार से 51 कुण्डात्मक श्री हरिहर महायज्ञ का विशाल आयोजन के प्रारम्भ में प्रथम दिवस कहें।

‎प्रातःअम्बिका माता मन्दिर से विशाल कलश यात्रा निकाली गई जिसमें हजारो महिलाओ ने भाग लिया जिसका समापन रामरामेश्वर मन्दिर में हुआ। यज्ञ का प्रारम्भ हुआ। कलश यात्रा का कई मंचो द्वारा स्वागत किया गया। यज्ञ के प्रारम्भ के समय इन्द्रदेव ने हल्की बोझार कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यज्ञ के प्रारम्भ में यज्ञोपवीत संस्कार, मुंडन संस्कार से साथ कई मंत्र उचाररण के साथ सात दिवसीय 51 कुंडात्मक श्री हरिहर महायज्ञ के कार्यक्रम का श्रीगणेश किया गया। शाम को महाआरती के साथ प्रसादी का वितरण किया गया ।

Leave a Comment

error: Content is protected !!