राजगढ़। परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हितेश चन्द्र सूरीश्वरजी महाराज साहब की आज्ञानुवर्ती परम पूज्य मुनिराज श्री पुष्पेंद्र विजय जी महाराज साहेब, परम पूज्य मुनिराज श्री रूपेंद्र विजय जी महाराज साहब, एवं परम पूज्य मुनिराज श्री जितचन्द्र विजय जी महाराज साहब आदि ठाणा 3 का इस वर्ष का चातुर्मास गुरुदेव की पुण्य भूमि राजगढ़ नगर में आयोजित होने जा रहा है। इसी के उपलक्ष्य में, 07 जुलाई सोमवार को इस ज्ञानाजंन चातुर्मास हेतु मुनी मंडल का राजगढ़ नगर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। शिव वाटिका से मंगल प्रवेश आरंभ हुआ जो चबूतरा चौक, मेन चौपाटी ,पुराना बस स्टैंड, न्यू बस स्टैंड, चौपाटी ,तीन बत्ती चौराहा, टॉकीज वाली गली होते हुए शोभा यात्रा का समापन राजेंद्र भवन पर हुआ।
शोभायात्रा में प्रसिद्ध बैंड, हाथी, शहनाई वादक, स्वर्ण शताब्दी रथ, इंदौर के प्रसिद्ध ढोल ,मालवा का प्रसिद्ध आदिवासी नर्तकदल आदि आकर्षण का केंद्र थे। गुरुकुल के बच्चे आगे धर्म ध्वजा लेकर चल रहे थे एवं नगर की समस्त महिला मंडल भी शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रही थी। रथ के आगे जैन परंपरा अनुसार गहुली का रथ चल रहा था जगह-जगह समाजजन गहुली कर रहे थे। तीन हाथियों पर लाभार्थी परिवार गुरुदेव राजेंद्र सुरिश्वर जी महाराज साहब द्वारा रचित अभिधान राजेंद्र कोष लेकर बैठे थे। नया बस स्टैंड पर प्रेस क्लब द्वारा शोभायात्रा का स्वागत किया गया।

शोभायात्रा राजेंद्र भवन पहुंचने पर संगीतकार देवेश जैन और उनकी टीम ने अपनी भक्ति से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। कलश स्थापना ,गुरुदेव को काबंली ओड़ाना आदि बोलियाे का लाभ लाभार्थी परिवारों द्वारा लिया गया। अशोक भंडारी ने स्वागत भाषण दिया, आजाद भंडारी ने अभीधान राजेंद्र कौष की महत्वता बतलाई। झाबुआ श्री संघ के यशवंत भंडारी ने भी अपना उद्बबोधन दिया।
कार्यक्रम में सभी लाभार्थियों का बहुमान किया गया एवं एसडीएम आशा परमार एवं जिला पंचायत सदस्य गायत्री पुरोहित का भी चातुर्मास समिति द्वारा बहुमान किया गया। पुष्पेंद्र विजय जी महाराज साहब ने अभिधान राजेंद्र कोष की महत्वता आदि पर प्रवचन दिए। जीतचंद्र विजय जी महाराज साहब ने भी चातुर्मास में धर्म आराधना संबंधी प्रवचन दिए। प्रातः सकल श्री संघ की नवकारसी शिव वाटिका पर रखी गई एवं दोपहर में सकल श्री संघ का स्वामी वात्सल्य ओसवाल धर्मशाला पर रखा गया। कार्यक्रम का संचालन दीपक जैन ने किया तथा इस कार्यक्रम को सफल बनाने मे पुरी चातुर्मास समिति की टीम पूरे जोश से लगी हुई थी।
