राजगढ़। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी में हुए हादसे में सोनी दंपत्ति की मौत हो चुकी थी, शनिवार को परिजन प्रशासन की मदद से दंपत्ति का शव लेकर राजगढ़ पहुंचे। सोनी दंपति की शाम करीब 5 बजे अंतिम यात्रा निकालकर दोनों का माही मुक्तिधाम सरदारपुर में अंतिम संस्कार किया गया। जहां मुखाग्नि पुत्र पार्थ एवं दोनों पुत्रियां व परिवारजनों द्वारा दी गई।
इधर शव आने के पहले ही राजगढ में शौक की लहर छा गई, विशाल सोनी सोने व चांदी का व्यापार करते थे। ऐसे में राजगढ में व्यापारियों ने स्वेच्छा से ही अपने प्रतिष्ठान बंद रखे हैं, शव पहुंचते ही राजगढ के वीर सावकर मार्ग स्थित सोनी परिवार के निवास पर बडी संख्या में लोग एकत्रित हो गए।
आंखों में आंसू –
दरअसल गुरूवार को ही हादसे की सूचना मिलने के बाद सोनी परिवार के लोग राजगढ पुलिस टीम के साथ उत्तनराखंड के लिए रवाना हो गए थे, पहले विशाल सोनी की मौत की सूचना परिजनों को मिली थी, किंतु गुरूवार शाम को लापता गौरी सोनी का शव भी स्थानीय प्रशासन को मिल गया था। ऐसे में आज शव घर पहुंचे। राजगढ में स्थित पैतृक निवास से एक साथ पति व पत्नी की अंतिम यात्रा निकली, परिवार के लोगों को अभी तक विश्वास नहीं हो रहा कि विशाल व गोरी हमारे बीच नहीं रहे। हादसे में सुरक्षित लौटे पार्थ सोनी को भी परिवार के लोग ही संभाल रहे हैं, अंतिम शव यात्रा में शामिल हर व्यक्ति की आंखों में आंसू नजर आए।

पूजन कर निकले थे दंपत्ति –
उत्तराखंड यात्रा के लिए विशाल, उनकी पत्नी गौरी और पुत्र पार्थ 16 जून को रवाना हुए थे। यात्रा पर जाने के पूर्व मानव सेवा हास्पिटल के पीछे स्थित पथवारी माता का पूजन भी किया गया था। यहां उनकी दोनों बेटी चिकी और मिष्ठी ने माता पिता और छोटे भाई के साथ फोटो भी ली थी। यात्रा पर जाने के पूर्व माता-पिता ने दोनों बेटियों को दुलार कर आशीर्वाद दिया था तथा दादी की सेवा करने के लिए कहा था। इस दौरान परिजन सहित रिश्तेदारों ने पुष्पमाला पहनाकर विदाई दी थी, परिजनों को यह नहीं पता था कि ये विदाई ही अंतिम रही। यात्रा के दस दिन बाद दंपती की मौत खबर ने सभी को झकझोर कर रख दिया। यात्रा के लिए विदा करते समय किसी ने उम्मीद नहीं की होगी कि यह उनकी अंतिम मर्तबा भेंट हो रही है।

बेटियां व दादी ही बची –
मृतक दंपती की दो बेटियां चिकी, मिष्ठी और एक बेटा पार्थ है। दोनों बेटियां, बेटे से बड़ी थीं। यात्रा में बेटा उनके साथ गया था, हादसे के बाद बेटे और दोनों बेटियों के सिर से माता-पिता की साया उठ गया। वहीं मृतक विशाल भी अपने पिता के इकलौते पुत्र थे। उनके पिता का निधन भी कुछ वर्षो पूर्व ही हुआ था। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी अब उनकी मां पर आ गई हैं।
अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल –
विशाल सोनी काफी अच्छे स्वभाव व मिलनसार वाले व्यक्ति थी। सोनी दंपति की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। वही सरदारपुर एसडीओपी विश्वदीप सिंह परिहार, राजगढ़ थाना प्रभारी दीपकसिंह चौहान, सरदारपुर थाना प्रभारी रोहित कछावा सहित अन्य अधिकारियों ने भी पहुंचकर परिजनों से संवेदना व्यक्त की।