राजगढ़। ग्राम तिरला में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तिरला मंडल का पथ संचलन निकला। जिसमें तिरला क्षेत्र से बड़ी संख्या में गणवेशधारी स्वयंसेवक शामिल हुए। संघ के गीतों पर कदमताल करते हुए निकले स्वयंसेवको का गांव में जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
संचलन से पहले तिरला में शासकीय स्कूल परिसर में स्वयंसेवको का एकत्रीकरण हुआ। यहां ध्वज प्रणाम, एकल गीत, अमृत वचन व सामुहिक गीत के बाद बौद्धिक कार्यक्रम हुआ। मुख्य व्यक्ता के रूप में मौजूद संघ के धर्मजागरण समन्वय खंड संयोजक रमेश प्रजापति ने स्वयंसेवको के समक्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 वर्ष की यात्रा का वृतान्त सुनाते हुए कहा कि संघ की शाखा से ही व्यक्ति का निर्माण होता हैं। संघ की शाखा से निकले स्वयंसेवक आज देशभर में विभिन्न पदों पर आसीन है तथा विभिन्न अनुसांगिक संगठनों के माध्यम से समाजसेवा का कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने संघ की स्थापना के बाद संघ के सामने आने वाले चुनौतियों के बारे में भी बताया। मुख्य वक्ता प्रजापति ने कहा कि राष्ट्र की सेवा ही सर्वाेच्च कार्य है और अनुशासन, समर्पण तथा सामाजिक जिम्मेदारी के मार्ग पर चलते हुए ही राष्ट्र की प्रगति संभव है। उन्होंने स्वयंसेवको से संघ के पंच परिवर्तन कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यवारण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य व स्व आधारित जीवन शैली को अपने जीवन में अपनाने का आव्हान किया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक तिरला मंडल के मंडल कार्यवाह इंदरसिंह मावी भी मंचासिन रहें।





															
															













