रिंगनोद। रष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के निमित्त ग्राम रिंगनोद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रिंगनोद मंडल का पथ संचलन निकला। पथ संचलन में रिंगनोद क्षेत्र के अनेक गांवों से स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में शामिल होकर वाद्य यंत्रों पर रिंगनोद नगर के प्रमुख मार्गों से कदमताल करते हुए निकले। इस दौरान स्वयं सेवकों का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। पथ संचलन से पहले रिंगनोद की शासकीय स्कूल परिसर में स्वयंसेवको का एकत्रीकरण हुआ।
जहां ध्वज प्रणाम, एकल गीत, सामुहिक गीत व अमृत वचन के बाद मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक बाबूलाल हामड़ ने स्वयंसेवको को बौद्धिक देते हुए कहा कि डॉ. केशव हेडगेवार ने हिंदू समाज को संगठित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। संघ की स्थापना का यह शताब्दी वर्ष है और संघ की स्थापना के बाद से ही स्वयंसेवक समाज के हर क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से समाज सेवा और समाज जागरण का कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने संघ के पंच परिवर्तन पर्यावरण, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक अनुशासन, समरसता तथा स्व आधारित जीवन शैली पर प्रकाश डालते हुए स्वयंसेवको को पंच परिवर्तन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने का आव्हान किया।