रिंगनोद – जनजातिय सीनियर बालक छात्रावास में करंट लगने से 2 छात्रों की हुई मौत, परिजनों का रो-रोकर बुराहाल, जांच में जुटा प्रशासनिक अमला

रिंगनोद। ग्राम रिंगनोद में करंट लगने से दो छात्रों की मौत हो गई है। छात्रावास में मौजूद अन्‍य विधार्थियों ने दोनों छात्रों को सरदारपुर के अस्‍पताल भेजा था, जहां पर दोनों बच्‍चों को मृत घोषित कर दिया गया। बताया जा रहा हैं, कि सुबह के समय बच्‍चें नाश्‍ता करने के लिए छात्रावास परिसर में ही एकत्रित हुए थे, इसी बीच मृतक विकास पिता संग्रामसिंह उम्र 17 साल व आकाश पिता शैतान सिंह को करंट लगा है।

जिनकी मौत हो चुकी हैं, इधर हादसे की सूचना के बाद परिजन मौके पर पहुंचे। दोनों विधार्थी टैंक तक कैसे पहुंचे, इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्‍ट नहीं है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार जांच के बाद ही बच्‍चों के टैंक के पास तक पहुंचने के कारणों की जानकारी सामने आएगी।

जानकारी के अनुसार ग्राम रिंगनोद में जनजाति सीनियर बालक छात्रावास बना हुआ हैं, परिसर में पानी का बडा टैंक है। जहां पर हादसा हुआ हैं, छात्रावास के विधार्थी रोहित के अनुसार सुबह नाश्ते को लेकर घंटी बजी तो हम नाश्‍ता करने जा रहे थे, एक ग्रामीण पानी भरने आया। जिसने ही सबसे पहले दोनों बच्‍चों को टैंक में देखा था। घटना की सूचना पर सबसे पहले रिंगनोद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। टैंक के अंदर पानी की बाल्‍टी, बर्तन व एक विधार्थी की चप्पल अंदर देखी गई हैं, इसी से अंदाजा लगाया जा रहा हैं, कि विद्यार्थी को अंदर ही करंट लगा है।

हालांकि अधिकारी जांच करने की बात कह रहे है। हादसे के बाद से ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सरदारपुर अस्‍पताल में दोनों बच्‍चों का पीएम हो रहा हैं, जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। परिजन भी छात्रावास प्रबंधन की लापरवाही को लेकर आरोप लगा रहे है।

सहायक आयुक्त बृजकुमार शुक्‍ला के अनुसार दुखद घटना हुई हैं, 12 वीं कक्षा के दो विद्यार्थियों को करंट लगा हैं। मामले की जांच के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।

वही कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के अनुसार सीनियर छात्रावास में दो छात्रों के शव मिले हैं, इसमें उच्च स्तरीय जांच की जाए। इस प्रकरण में जो भी अधिकारी व कर्मचारी की लापरवाही सामने आती हैं, उनके खिलाफ अनुशात्मक कार्यवाही करते हुए बर्खास्त किया जाए। आने वाले समय में ऐसी कोई घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो। शासन व प्रशासन से मांग करता हॅूं कि प्रदेश आदिवासी बच्‍चों के साथ लगातार इस प्रकार की घटना सामने आ रही हैं, दोनों पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए।

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