सरदारपुर। सोयाबीन के दाम वर्ष 2011 में 4300 रूपये प्रति क्विंटल थे और आज 13 वर्ष बाद भी सोयाबीन के भाव 4000 से 4200 रुपये प्रति क्विंटल ही है। 21 वर्षो से प्रदेश में भाजपा की सरकार है, किसानों की सोयाबीन की लागत तो दोगुना हो गई लेकिन अभी तक किसानों की आय दोगुना नही हुई है। भाजपा की सरकार में आज खेती लाभ का धंधा नहीं बल्कि खेती घाटे का धंधा बन गई है। उक्त बातें धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विधायक प्रताप ग्रेवाल ने कही। दरअसल मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी सरदारपुर, दसई, अमझेरा द्वारा संयुक्त रूप से किसानो के हित में सरदारपुर बस स्टैंड पर धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया था।
धरना प्रदर्शन को प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधी सुरेनद्रसिंह पटेल, ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष रतनलाल पडियार, बालमुकुन्द पाटीदार, मोहनलाल मुकाती, जिला पदाधिकारी पुष्पेन्द्रसिंह राठौर, सुरेश द्विवेदी, बद्रीलाल पाटीदार, दुलीचंद पाटीदार, भानुप्रतापसिंह टिमायची, दिलीप वसुनिया, अनिल नर्वे, रामु जायसवाल, गजराज भुरिया, प्रदीप जाट, जीतु बाबा चौहान ने भी संबोधित किया।
मनरेगा के काम बंद पडे –
धरना प्रदर्शन के बाद प्रदेश के राज्यपाल के नाम पर सरदारपुर एसडीएम मेघा पंवार को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि सोयाबीन फसल मध्यप्रदेश राज्य तथा विशेष कर मालवा अंचल की मुख्य फसल है प्रदेश में सोयाबीन फसल किसानों की आर्थिक उन्नती का मुख्य स्त्रोत है। परन्तु दिन प्रतिदिन सोयाबीन की फसल में उत्पादन लागत बढ़ती जा रही है तथा तुलनात्मक दृष्टि से सोयाबीन फसल बिक्री पर आय कम हो रही है। वर्तमान में सरदारपुर विधानसभा के 50 प्रतिशत से अधिक ग्रामों में सोयाबीन की फसल मे फली नहीं लगी है, इल्ली के प्रकोप से फसल नष्ट हो गई है।
प्रदेश मे सड़कों की स्थिति अत्यंत खस्ताहाल है इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर वर्तमान मे विभिन्न स्थानों पर सड़क गड्डो मे तब्दील हो गई है। राजगढ से पारा रोड, सरदारपुर से बालोदा मार्ग, कंजरोटा से तिरला मार्ग, रिंगनोद से गुमानपुरा मार्ग की स्थिति भी दयनीय है। प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री खेत सडक योजना बंद कर दी हैं, जिसकी वजह से किसानों को खेत पहुच मार्ग पर आवागमन में परेशानियां हो रही है।
सरदारपुर विधानसभा मे विगत 3 वर्ष से मनरेगा के कार्य बंद पडे है पूर्व में स्वीकृत सुदूर सड़क, पुलिया, गौशालाओ के कार्य आज दिनांक तक प्रारंभ नही हुए है। सरदारपुर विधानसभा के सरदारपुर (गोपाल कालोनी), रूपारेल, झाई, होलातलई, तलावपाडा, बाण्डीखाली (सेमल्या), गोन्दीरेला, बर्डीपाडा, मदद जैसे कई स्कूलो के भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में है। वहीं एवं कई विद्यालयों में एक कक्ष मे दो से तीन कक्षाओं की कक्षा का संचालन हो रहा है।
अत्याचार बढे –
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है जिसके लिए शासन-प्रशासन दोनो ही दोषी है। प्रदेश में बालिकाओं एवं महिलाओं पर अत्याचार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आदिवासियों पर प्रताडना भी पिछले 20 वर्षो में तीन गुना बढ गई है वर्ष 2004 में आदिवासियों पर प्रताड़ना के 1098 प्रकरण थे जो 2022 मे 3225 एवं 2023 में 2919 प्रकरण दर्ज किए गए है।
ज्ञापन का वाचन युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष दिनेश चौधरी ने किया। कार्यक्रम का संचालन जिला सचिव राजेन्द्र लोहार ने किया।
इस दौरान युवक कांग्रेस शहरी जिलाध्यक्ष रोहित कामदार, शंकरदास बैरागी, नरसिंह हामड, विजयसिंह बडगोता, कैलाश भूरिया, भीमालाल चौधरी, शैलेन्द्र चैहान, अर्पित ग्रेवाल, महेश जायसवाल, मयाराम मेडा, जगदीश पाटीदार, लक्ष्मण चोयल, प्रतापसिंह राठौर, मदन मखोड, राजकुमार सिंघार, सरदार डामर, जुवानसिंह जामनिया, जालमसिंह मोरी, मुकेश मेडा, रितेश चौधरी, पप्पालाल जाट, दिनेश चौधरी, नारायण सौलंकी, कोदरसिंह पटेल, दिनेश पाठक, मोहित जाट, गोपाल मारू, चेतन जाट, राकेश मोलवा, अर्जुन गेहलोत, अमृत मारू, जीवन धाकड, सुनील डावर, दशरथ नायमा, सीताराम मेडा, कृष्णपालसिंह राठौर, केकडिया डामोर, राहुल गोयल, समरथ मारू, छगन पाटीदार, प्रभु सिंगार, रायचंद डामर, गिरधारी कुमावत सहित अनेक कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।