सरदारपुर। तहसील ग्रामीण अंचल रूपारेल में स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय कई जटिल समस्याओं से घिरा हुआ हैं, लेकिन यहा पर पदस्थ शिक्षकों कर्तव्य निष्ठा के साथ अपने कार्य का निर्वहन कर रहे हैं।
प्राथमिक विद्यालय रूपारेल मे 208 बच्चे दर्ज हैं, जिन्हे पढ़ाने के लिए 6 शिक्षक पदस्थ है। गांव से कई परिवार पलायन कर गए फिर भी बच्चो की उपस्थिती प्रतिदिन 130 से 150 है। लेकिन इस विद्यालय में समस्या यह है की पहली से 5वी तक के बच्चें अध्ययन एक परिसर में न करते हुए आधा किलोमीटर के दायरे मे फैले तीन कक्षो में करते हैं। समस्या यह नहीं हैं की बच्चे अलग-अलग भवनों मे अध्ययन करते है बल्कि समस्या यह हैं कि जब बच्चे अध्ययन कर मध्यान्ह भोजन के लिए आधा किलोमीटर दुर पैदल सड़क पार कर दुसरे भवन पर जाते है। इस दौरान शिक्षक तो साथ ही होता हैं लेकीन हमेशा वाहनों की आवाजाही एवं तेज रफ्तार वाहनों के बीच दुर्घटना का डर बना रहता है।
कक्षा पहली से तीसरी तक की कक्षाएं एक भवन मे लगती है तो कक्षा 4थी एक अन्य अतिरिक्त कक्ष और पांचवी की कक्षा दूसरे अन्य अतिरिक्त कक्ष में लगती है। इन भवनो के बीच की दुरी करीब आधा किमी होगी।
यही नही जहाँ पर 4थी की कक्षा लगती है वहा पर पेयजल यूनिट बनी हुई हैं लेकीन जहा पर बच्चे पढ़ाई करते है वहा पर पेयजल युनिट नही बनी हुई है। जिसके कारण बच्चे पानी की केन से पानी पीते है, कुछ बच्चे हैंडपंप पर जाकर भी अपनी प्यास बुझाते है। वैसे यदि शासन इन बच्चो के लिये एक ही परिसर में शिक्षा पाने की व्यवस्था कर दे तो छोटे-छोटे बच्चों को काफी सुविधा होगी।