सरदारपुर विकासखंड में नवीन शिक्षा सत्र में लापरवाही का आलम, भ्रमण के दौरान अधिकांश स्कूलों में नाम मात्र मिली विद्यार्थियों की उपस्थिति, कई स्थानों पर मध्यान्ह भोजन को भी तरस रहे बच्चें

सरदारपुर। नवीन शिक्षा सत्र आरंभ हुए 23 दिन हो चुके है। लेकिन अंचलो में नवीन शिक्षा सत्र में लापरवाही का आलाम देखने में आया हैं। भ्रमण के दौरान अधिकांश स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिती नाम मात्र की मिली। वैवाहिक आयोजन, पलायन और तेज गर्मी के बीच चल रहे इस नवीन शिक्षा सत्र में किसी स्कूल में विद्यार्थी नही तो मध्यान्ह भोजन आ रहा है और जहां विद्यार्थी हैं, वहां पर मध्यान्ह भोजन नही मिल रहा है। इतना ही नहीं कई विद्यालयो में तो उपस्थिति रजिस्टर में पिछले आठ दिनो की उपस्थिती भी विद्यार्थियों की दर्ज नही हो पाई, तो कुछ विद्यालयो में ईमानदारी के साथ उपस्थिति रजिस्टर में उपस्थिती दर्ज मिली।

भ्रमण के दौरान एकीकृत शाला बोडिया मे विद्यार्थीयो की उपस्थिती शुन्य मिली यहां पर शिक्षक विद्यालयीन कार्य कर रहे थे। जिनसे पूछने पर बताया की अभी विद्यार्थी नही आ रहे, वही मध्यान्ह भोजन भी नही मिल रहा है।

शासकीय नवीन प्राथमिक विद्यालय बोरखली में भी विद्यार्थीयो की उपस्थिती शुन्य मिली। शिक्षको ने बताया की मध्यान्ह भोजन तो आ रहा था। लेकिन विद्यार्थियों के नही आने पर समूह को मध्यान्ह भोजन के लिये मना कर दिया गया। यही नही बोरखली के विद्यालय में जिन कमरो मे कक्षाओ का संचालन हो रहा है उसमे से एक कक्ष तो जर्जर हाल में पहुंच चुका हैं, छत के सरिये तक दिखाई देने लगे है। यहां बारिश के समय किसी हादसे से इंकार नही किया जा सकता।

रामसागर के प्राथमिक विद्यालय में भी शिक्षक उपस्थित थे लेकीन विद्यार्थियों की उपस्थिती नाम मात्र की ही मिली।
यहां पर लगभग 104 बच्चे दर्ज है लेकिन इसके 10 प्रतिशत भी बच्चे उपस्थित नही होते है। प्राथमिक विद्यालय मौलाना में बच्चे तो मिले लेकीन यहा पर मध्यान्ह भोजन बच्चो को नही मिल रहा है। शिक्षक बच्चों को अध्यापन कार्य करवाने के साथ मनोरंजन के लिए टीवी पर कार्टून आदि दिखाकर उन्हे शिक्षा से जोड़े हुए हैं।

वैसे यह तो केवल आधा दर्जन स्कूलों के हालात है ,लेकीन यदि भ्रमण करे तो अधिकांश स्कूलों मे इसी प्रकार के हालात देखने को मिल जाएंगे। वैसे सरदारपुर विकासखंड में मध्यान्ह भोजन में लापरवाही कोई नई बात नही है। शिक्षा सत्र के दौरान लापरवाही की खबरे मिलती रहती है। सूत्रों की माने तो जिनके जिम्मे मध्यान्ह भोजन की मॉनिटरिंग का जिम्मा है, वै केवल कागजों पर भ्रमण कर लाभ-शुभ का खेल खेलकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते है।

Facebook
Twitter
WhatsApp

यह भी पढ़ें I

error: Content is protected !!