सरदारपुर। सरदारपुर वन विभाग ने वन्यजीव तस्करी के मामले में एक आरोपी को पकड़ा है। वही एक आरोपी फरार हो गया। पकड़े गए आरोपी के पास से थेली में 4 फिट लंबा दो मुहं का सांप रेड सेण्ड बोआ स्नेक जप्त किया।
वनमण्डल अधिकारी विजयआनंदम टीआर के निर्देशन में वन परिक्षेत्र सरदारपुर द्वारा रेड सेण्ड बोआ स्नेक को तस्करों के चंगुल से छुडाया। वन विभाग के रेंजर शैलेंद्र सोलंकी ने बताया कि मुखबीर से वन्यजीव तस्करी की गुप्त सूचना पर ग्राम राजोद में वन विभाग की टीम द्वारा घेराबंदी की गई थी। दो संदिग्ध व्यक्ति मोटर साईकल से आए थे। जिसमें एक व्यक्ति के हाथ में बडी प्लास्टिक की थैली थी। भीड का फायदा उठा कर एक व्यक्ति मौके से फरार हो गया वही दुसरे व्यक्ति को टीम द्वारा पकड़ लिया गया।

पुछताछ करने पर उसने अपना नाम प्रदीप पिता भगवानसिंह वडियावार बताया एवं फरार व्यक्ति का नाम श्याम पिता बाबुलाल दोनों ग्राम खेरवास के निवासी है एवं आपस में रिश्ते में भाई है। दोनों व्यक्ति सांप को खेरवास से राजोद तक मोटर साईकल से लेकर आये थे। श्याम की किसी व्यक्ति से सांप को बेचने की बात हो रही थी। मौके से जप्त थैली को खोला गया जिसके भीतर गहरे लाल एवं चाकलेटी रंग का दो मुह का सांप जो लगभग 4 फिट लम्बा पाया गया। उक्त सांप रेड सेण्ड बोआ है, जिसका वैज्ञानिक नाम इरिक्स जोहनी है।
मौका स्थल से सांप की थैली और अपराध में कारीत बाईक को जप्त किया एवं आरोपी को पुछताछ हेतु वन परिक्षेत्र कार्यालय सरदारपुर लाया गया। जप्त सांप को सुरक्षित स्नेक बाक्स में रखकर वेटनरी डॉक्टर गामड़ से स्वास्थ्य परिक्षण करवाया गया तथा नियमानुसार वन अपराध प्रकरण दर्ज कर प्रदीप को गिरफ्तार कर न्यायालय सरदारपुर में पेश किया गया जहां से न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया है। न्यायालय के आदेशानुसार जप्त रेड सेण्ड बोआ को सुरक्षित प्राकृतिक स्थल में छोड़ दिया गया है।

सतोष कुमार रनशौरे एसडीओ सरदारपुर ने बताया कि उक्त सांप विषहीन होता है एवं अंध विश्वास एवं गलत मान्यताओं के कारण सर्वाधिक तस्करी किया जाने वाला वन्यजीव बन गया है। रेंजर सरदारपुर शैलेन्द्र सोलंकी ने बताया की रेड सेंड बोआ एक सीधा साधा पर्यावरण संतुलन बनाए रखने वाला वन्यजीव है जिसे पकडना, बेचना या शिकार करना गंभीर अपराध की श्रेणी में है। इसके साथ ही लोगो से अपील की जाती है कि ऐसा कोई कृत्य ना करे एवं कोई भी घटना संज्ञान में आए तो तत्काल वन विभाग को सूचित करे।
उक्त कार्यवाही में विक्रमसिंह निनामा, जोगडसिंह जमरा, मनीषपाल राठोर, अनिल कटारे, मनीष पंवार एवं जुबेर खान का विषेश सहयोग रहा।
















