सरदारपुर। जनजाति विकास मंच द्वारा ग्राम चालनीमाता, अमझर, सिरोदा एवं उटावा में ईसाई मिशनरी द्वारा पेसा एक्ट लागू होने पर भी बिना ग्राम सभा की अनुमति के किए जा रहे धर्मांतरण कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने की मांग को एसडीएम कार्यालय पर तहसीलदार मुकेश बामनिया को ज्ञापन सौपा गया।
जनजाति विकास मंच द्वारा सौपे गए ज्ञापन में बताया कि जनजाति क्षेत्र चालनीमाता, अमझर, सिरोदा, उटावा एवं आस पास के गांव व मजरो में ईसाई मिशनरी द्वारा भोले भाले जनजातिय समाज के लोगो को कई प्रकार के प्रलोभान, बिमारीयो के नाम से डराने एवं प्राकृतीक आपदा का डर बताकर धर्मांतरण कार्यक्रम किया जा रहा है एवं प्रकृती पुजक तथा हिन्दु धर्म में आस्था एवं विश्वास रखने एवं सनातन धार्मिक जनजातिय समाज को उनके द्वारा सदियों से पूजे जा रहे देवताओ का अपमान करने हेतु प्रेरित किया जाता है तथा समाज के लोगो की आस्था पर चोट पहुंचाई जा रही है।
प्रत्येक वर्ष इन ग्रामीण क्षेत्रो में क्रिसमस-डे दिनांक 25 दिसम्बर के आस पास ही धर्मांतरण का कार्मकाण्ड रचा जाता है जिसका कई बार जनजातिय समाज द्वारा विरोध भी किया जाता है एवं समय-समय पर शासन को इस बारे में अवगत भी करवाया जाता है परंतु इस बार फिर ईसाई मिशनरी द्वारा क्रिसमस के मौके पर इन गांवो एवं आस पास के मजरो टोलो में धर्मांतरण का कर्मकांड रचा जा रहा है एवं जहा पर भोल भाले जानजातिय समाज के लोगो को डरा कर प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण किया जाने की पूर्ण सम्भावना है जिस पर से जनजातिय समाज में आक्रोश पैदा हो सकता है एवं सामाजिक लोगों एवं इस प्रकार के कर्मकाण्ड करने वाले ईसाई मिशनरी लोगो के बिच वाद विवाद एवं सामाजिक हिंसा उत्पन्न हो सकती है।
ज्ञापन में मांग की गई कि क्रिसमस-डे पर होने वाले कार्यक्रमो पर रोक लगाए जाएं जिससे नासमझ व निम्न तपके के आदिवासी समाज के लोग अपना धर्म परिवर्तन कर अन्य धर्म में लिप्त न हो। ज्ञापन का वाचन वेलसिंह बिलवाल ने किया। इस दौरान मंच के प्रांत संयोजक धर्मेंद्र मंडलोई, ब्लॉक अध्यक्ष भूरालाल गुंडिया, भूपेंद्र भूरिया, सुरेश गुंडिया, जंगलिया भगत, किसोर सिंगार, अजय मोरी, गुलाब वास्केल, इंदरसिंह मावी, बालसिंह मेडा सहित अन्य समाजजन मौजूद रहे।