सरदारपुर। दो पक्षों के मारपीट के दौरान प्रकरण में एक व्यक्ति गलत नाम आया गया था। इसे हटाने के एवज में रिश्वत मांगने वाले प्रधान आरक्षक के सहयोगी को लोकायुक्त पुलिस ने सरदारपुर में रंगे हाथ पकड़ा हैं। देर शाम तक सरदारपुर स्थित रेस्ट हाउस पर कार्रवाई जारी रही।
जानकारी के मुताबिक 14 मार्च को झिंझापाड़ा निवासी 28 वर्षीय आवेदक नानूराम नारायण ओसारी ग्राम बोला में भजन संध्या के लिए गया था। उसी दिन आवेदक के गांव में भगवानसिंह भाभर और सुरेश औसारी का झगड़ा हो गया था। जिसकी रिपोर्ट भगवानसिंह की पत्नी छन्नुबाई ने पुलिस थाना राजोद में सुरेश औसारी के साथ-साथ आवेदक के परिवार के करीब आठ लोगों के खिलाफ दर्ज करवा थी। जिसका अनुसंधान पुलिस थाना राजोद के प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार द्वारा किया जा रहा था। 15 मार्च को आरोपी ने आवेदक को थाने पर बुलाया तो आवेदक ने आरोपी को बताया कि आवेदक 14 मार्च को भजन संध्या में ग्राम बोला गया था और आज ही सुबह वापस आया है। आवेदक का नाम एफआईआर में झूठा लिखवाया गया है।
इस पर आरोपी ने आवेदक का नाम केस से हटाने के एवज में 50 हजार रूपये रिश्वत की मांग की गई। जिसकी शिकायत आवेदक ने लोकायुक्त के पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय इंदौर को की गई। शिकायत सही पाए जाने पर शुक्रवार को ट्रेप दल का गठन किया गया। आरोपित प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार के कहने पर आरोपी भारत डामर द्वारा आवेदक से 22 हजार 500 रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
दोनों आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 एवं धारा 61(2) बी.एन. एस. 2023 के अंतर्गत कार्यवाई की गई। कार्रवाई में डीएसपी सुनील तालान, निरीक्षक राहुल राजभिये, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक विजय कुमार, आरक्षक अशीष नायडू, आरक्षक कमलेश परिहार, आरक्षक आशीष आर्य एवं शेरसिंह ठाकुर शामिल रहे।