धुलेट – श्री हरिदासजी स्मारक ट्रस्ट महेश्वर के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी ‘सती कागण माताजी’ के मंदिर छड़ावद पहुंचे, श्रद्धानिधि संग्रहण अभियान की शुरूआत हुई

विनोद सिर्वी धुलेट। आईपंथ दीवान “श्री हरिदासजी स्मारक ट्रस्ट -महेश्वर” के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी 11-दिस. 2024 बुधवार को धार जिले के राजगढ़ क्षेत्र के ग्राम छड़ावद पहुंचे एवं सती कागण माता के मंदिर में पूजा अर्चना कर यहीं से मालवा अंचल में हरिदासजी स्मारक श्रद्धानिधि संग्रहण अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर आसपास के गांवों के अनेक श्रद्धालु भी उपस्थित हुए।

हरिदासजी ट्रस्ट महेश्वर के अध्यक्ष श्री लक्षमणसिंह काग ने कहा कि ट्रस्ट दारा शासन सहयोग से यहाँ भवनों का निर्माण हो रहा है। नर्मदा किनारे इस स्थल तक पहुँचने के लिए विगत दिनों शासन द्वारा 80 लाख रु. का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है। यहीं पर सिर्वी समाज की इष्ट देवी श्री आईमाता के नए मंदिर का निर्माण, हरिदासजी समाधि का जिर्णोंद्दार तथा पावन तीर्थ के संरक्षण एवं विकास का कार्य श्रद्दालु सिर्वी समाज जनों द्वारा किया जा रहा है। इस हेतु मंदिर तथा स्मारक की पेढ़ियों के निर्माण के लिए श्रद्धालुओं से श्रद्धानिधि संग्रहण की जा रही है।


रायपुरिया के वरिष्ठ समाजसेवी शांतिलाल काग (रायपुरिया) ने इस अवसर पर कहा कि- सती श्री कागण माताजी के मायके पक्ष के परिजन जब राजस्थान से मालवा में आ गए तो उनके साथ कागण माताजी द्वारा काटे गए सूती धागे की लच्छी (गट्ठी), उनकी सुहाग सामाग्री के साथ चुनरी का हिस्सा तथा मोजड़ियों के अवशेष थे जो आज भी छडावद गांव में सुरक्षित है। इन्ही श्रद्धालु परिजनों ने यहाँ सती कागण माताजी का मंदिर बनाया जहां उनकी मूर्ति के साथ इन स्मृति चिन्हों का भी पूजन अर्चन होती है। कागण माता के अलौकिक प्रभाव से ही अब सभी श्रद्धालुओं का जीवन सुख-शांति एवं समृद्धि से भरा पूरा हो गया है। क्षेत्र के सभी सिर्वी (काग) परिवार में पहले जन्मे बच्चे के सुखमय जीवन की कामना से दाहिने हाथ पर सती कागण माता के काटे गए सूत के धागे को बांधा जाता है। इसके बावजूद सूत के धागे की लच्छी आज तक समाप्त नहीं होकर वैसे ही यथावत है।


“श्री आईचालीसा” के सृजक हीरालाल देवड़ा ने कहा कि महेश्वर में ढाई सौ वर्ष पहले जब “हरिदासजी पाणी पर चाल्या, अचरज करियों अहिल्याबाई” की चमत्कारिक घटना हुई तो उसके पीछे इष्ट देवी आईमाता के आशीर्वाद के साथ-साथ सती कागण माताजी के सत, तप एवं तपस्या की शक्ति भी शामिल थी। सभी पदाधिकारियों द्वारा यह संकल्प लिया गया कि- सती कागण माताजी की जीवन लीला पर आधारित “स्मृति ग्रंथ” का प्रकाशन भी ट्रस्ट द्वारा शीघ्र ही किया जाकर इसके माध्यम से इस नारी आदर्श की महिमा को घर-घर पहुंचाया जावेगा।
इस अवसर पर “श्रद्धानिधि संग्रहण अभियान” के मालवा क्षेत्र प्रभारी शोभाराम नारायण चौधरी (राजपुरा), ट्रस्ट के उपाध्यक्ष शंकारलाल बरफा(राजगढ़), वरिष्ठ समाजसेवी शांतिलाल काग(रायपुरिया), उपाध्यक्ष लक्ष्मणसिह परिहार(जाजमखेड़ी) तथा भगवान मुकाती (जड़ीबूटी), श्रद्धानिधि प्रभारी नरेंद्र सिर्वी (बरफा), निर्माण समिति अध्यक्ष भगवान जमादारी, पूर्व ट्रस्ट अध्यक्ष ओमप्रकाश परिहार, दिलीप पटेल, इंदरसिह सेप्टा, युवा रोहित (काग) , किशोर काग (बड़वानी) मंदिर सेवादार गोपाल काग उपस्थित रहे। आसपास के गाँव के सिर्वी समाज चौधरी, कोटवाल, जमादारी एवं सकल पंच भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सिर्वी महासभा के राजगढ़ जिला अध्यक्ष डॉ. मुन्नालाल भायल ने किया।

कार्यक्रम का संयोजन भूरालाल जमादारी द्वारा किया गया। प्रेमचंद काग, पेमा काग, रूपाजी काग, मांगीलाल काग, भेरुलाल काग, रामलाल सेप्टा, अमरसिंह काग का विशेष सहयोग रहा। आसपास के सिर्वी चौधरी, कोटवाल, जमादारी एवं सकल पंचों द्वारा भी सहभागिता की गई।

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