राजगढ़। कृषी उपज मंडी परिसर में भारतीय किसान यूनियन(टिकैत) द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन बुधवार से शुरू किया गया हैं।
धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिलाध्यक्ष राकेश सोलंकी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा जो भूमि अधिग्रहण विधेयक “मप्र नगर तथा ग्राम निवेश (संशोधन) अधिनियम-2025” पारित किया गया है, यह किसानों के हित में नहीं है। इसके लागू होने से किसानों की आजीविका का आधार कृषि भूमि पर स्वामित्व समाप्त हो जाने का अंदेशा है, क्योंकि इस भूमि अधिग्रहण विधेयक में किसानों की सहमति और भूमि अधिग्रहण के उपरांत मुआवजे का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है। जो कि कहीं से भी किसानों के हित में प्रतीत नहीं होता है। किसानों को उनकी अधिग्रहित भूमि के बदले में परिवर्तित और विकसित भूमि देने की कोई समय सीमा भी निश्चित नहीं है। किसानों से उसकी भूमि अधिग्रहण के बाद ही अपनी आजीविका छिन जाएगी, और वह भूखे मरने की स्थिति में हो जाएंगे।
वही संभाग अध्यक्ष राजेश मारु ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) प्रदेश सरकार के इस किसान विरोधी निर्णय का विरोध करते हुए इसे तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग करता हैं। उन्होंने कहा कि अभी किसान अपनी रबी की फसलों को घर लेकर आया ही है और ई-उपार्जन में बेचने पर फसल का भुगतान प्राप्त नहीं होने के कारण जिला सहकारी बैंक का अल्पकालीन ऋण का भुगतान करने में असमर्थ हैं। इसलिए प्रदेश शासन से अनुरोध है कि जिला सहकारी बैंकों की ऋण वसूली की अवधि 30 मई 2025 तक बढ़ाई जाए, ताकि किसानों को मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना का सामना नहीं करना पड़ेगा।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जीवन पाटीदार जिला सचिव, जगदीश कुमावत जिला प्रचार मंत्री, कृष्णा पटेल धार तहसील अध्यक्ष, मुकेश पाटीदार धार तहसील सचिव, दिनेश पाटीदार, कमल पटेल ,बंटी मकवाना आदि धरना स्थल पर बैठ गए हैं। जानकारी यूनियन किसान के मिडिया प्रभारी लक्ष्मण तिवारी ने दी।