राजगढ़। भारत सरकार द्वारा आईआईटी गुवाहाटी में आयोजित इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में धार जिले ही नहीं वरन मध्यप्रदेश से चयनित राजगढ़ के डॉ. राहुल व्यास ने यंग साइंटिस्ट कॉनक्लेव में भाग लिया और भविष्य की तकनीकों का उपयोग कर सीपीआर के लिए एक प्रोसेस और डिवाइस तैयार कर अपनी शोध प्रस्तुत की। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, और इसमें केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र कुमार तथा असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा भी उपस्थित थे।
यह कार्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक परिषद् और विज्ञान भारती के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से युवा वैज्ञानिकों ने भाग लिया और अपने नवीनतम शोध प्रस्तुत किए। डॉ. राहुल व्यास की इस शोध को निर्णायक मंडल ने अत्यधिक सराहा और उन्हें यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस चार दिवसीय कार्यक्रम में देश-विदेश से लगभग 12,000 वैज्ञानिक और टेक्नोक्रेट्स ने भाग लिया जिसमें यंग साइंटिस्ट कॉनक्लेव में लगभग 30 युवा वैज्ञानिक ने हिस्सा लिया था जिसमें राहुल व्यास का प्रदर्शन तथा शोध को पुरुस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में आईआईटी गुवाहाटी के डायरेक्टर प्रो. देवेंद्र जलिहाल, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर प्रो. राजेश गुप्ता, एनआईइफ़ के डायरेक्टर डॉ. अरविंद रानाडे, सीएसआईआर डायरेक्टर डॉ.एन.कलैसेल्वी, इसरो चीफ डॉ.एस.सोमनाथ, डॉ. शिव कुमार शर्मा,सुनील आंबेकर,डॉ. रजनीश चतुर्वेदी उपस्थित थे।
इनमें विज्ञान संस्थागत नेताओं की बैठक और स्थिरता, शिक्षा, विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गोलमेज चर्चाएँ शामिल थीं, जिससे वैश्विक विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की स्थिति मजबूत हुई । इन चर्चाओं ने नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं और शिक्षाविदों को आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता हासिल करने के लिए नवाचार का लाभ उठाने के लिए एक रोडमैप तैयार करने के लिए एक साथ लाया।यह महोत्सव युवा दिमागों को प्रेरित करने, विविध हितधारकों को एकजुट करने और भारत को वैश्विक नेतृत्व और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी क्षमता को प्रदर्शित करने में सहायक रहा है। युवा वैज्ञानिक सम्मेलन में युवा वैज्ञानिक पुरस्कार विजेताओं सहित विज्ञान युवा एसएसबी पुरस्कार विजेताओं को संसाधन व्यक्ति के रूप में शामिल किया गया था।
कई वैज्ञानिक कार्यक्रम में हुआ चयन-
डॉ. राहुल व्यास का चयन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में यंग साइंटिस्ट कॉनक्लेव के अलावा , गुरुकुल जिसमें विज्ञान शिक्षकों का चयन हुआ तथा साइंस सफारी कार्यक्रम में हुआ। साइंस सफारी में ऑगमेंटेड रियलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा ऑगमेंटेड रियलिटी की प्रस्तुति दी गई। इसमें बताया कि किस तरह से इन सभी चीजों का प्रयोग कर कार्यों को आसान बनाया जा सकता है ।
मिली बधाई –
राजगढ़ के राहुल व्यास को इस स्तर तक पहुंचने पर कई संस्थानों और गणमान्य व्यक्तियों से बधाई मिल रही है। राहुल स्वयं शासकीय हायर सेकेंडरी रिंगनोद में व्याख्याता के पद पर है, उनकी संस्था द्वारा फूलों की माला पहना कर स्वागत-सम्मान किया। प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों ने राहुल की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, धर्मपत्नी, गुरुजनों तथा दोस्तों को देते है।