सरदारपुर। नगर में हिन्दू-मुस्लिम भाई चाहे ईद दिपावली हो, उर्स यां दशहरा हो भाईचारा से मिलकर बनाते आ रहे हैं, बडी खुशी की बात है। इसलिए ही सरदारपुर नगर कोमी एकता के नाम से जाना जाता है। उक्त बात मंगलवार रात्रि में मुस्लिम समाजजनो द्वारा आयोजित ईद मिलन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक प्रताप ग्रेवाल ने कही। समाजजनो को सम्बोधित करते हुए ग्रेवाल ने कहा कि सरदारपुर नगर कोमी एकता की सुगंधित मिट्टी पूरे हिन्दुस्तान में फेले ताकि देशभर में अमन-चैन शान्ति का सौहार्द वातावरण हमेशा बना रहे।
सेवानिवृत्त एसडीओपी ऐश्वर्य शास्त्री ने कहा कि यहाँ हिन्दु मुस्लिम भाईयों के आपस का प्रेम व शान्ति सौहार्द का वातावरण मुझे बहुत पसंद आया, मेरे सेवाकाल कार्य में किसी भी त्योहार के प्रति में निंश्चिंत रहता था, कि कुछ भी होना जाना नही है। इसके लिए आप सभी समाजजन बधाई के पात्र है। नगर के वरिष्ठ सेवानिवृत्त डॉ. एम एल जैन ने कहा कि मुझे 35 साल हो गए, लेकिन त्योहार के दौरान कभी भी कोई तनाव जैसी स्थिति नज़र नहीं आई। भाईचारे से रहना और त्योहार बनाना यह सरदारपुर नगर के लिए बडी उपलब्धि है।
कार्यक्रम का संचालन करने वाले सेवानिवृत्त पूर्व कृषि मंडी सचिव हांजी अब्दुल रशीद खांन ने बताया कि मजहब नही सिखाता की आपस में बैर रखना इसी कड़ी में नगर अग्रणी है। यहां सालो से एक-दुसरे के प्रति हिन्दू-मुस्लिम समाजजनो का प्रेम स्नेह है, यह धर्म समाज के आने वाले त्योहारों में स्पष्ट झलकता है, ऐसा कहीं देखने को नहीं मिलेगा। खांन ने कहा कि मालिक ईश्वर से यही दुआएं है कि यह सिलसिला आगे भी बरकरार कायम रखे। ईद मिलन कार्यक्रम के शुरुआत पहले समाज के एहमद नौशाद रजा ने सारे जहाँ से अच्छा हिनदुस्तान हमारा पर सुन्दर प्रस्तुति देने पर खूब तालियां बटोरी गई।
अतिथियों सहित बड़ी संख्या में उपस्थित हिन्दू-मुस्लिम समाजजन भावविभोर हो गए थे। कार्यक्रम के तहत अतिथि गण विधायक प्रताप ग्रेवाल, नगर परिषद अध्यक्ष मीनाक्षी ग्रेवाल, नपं उपाध्यक्ष शैलेंद्र चौहान, एश्वर्य शास्त्री, डॉ एम एल जैन, प्रेस क्लब अध्यक्ष मोहनलाल यादव, जयप्रकाश शर्मा, हांजी गफ्फार खांन, नवाब हसन कुरैशी, प्रमोदराज जैन, संजय जायसवाल, नरसिंह सोनी, कैलाशचन्द्र गुप्ता हसीन बाबा आदि मंचासिन थे। कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम समाजजनो द्वारा अतिथियों का शाल, पुष्पमाला पहनाकर स्वागत सम्मान किया गया। इस आयोजन के लाभार्थी गफ्फार खांन, सलमान रफीक खांन, सरवर चक्कीवाले रहे। संचालन हाजी अब्दुल रशीद खान ने किया। आभार प्रमोदराज जैन ने माना।