सरदारपुर। चार साल पहले करोड़ो खर्च कर सरदारपुर तहसील में माही बांध के बैक वाटर पर बनाया गया टापू देखरेख के अभाव में अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।
कोरोना काल मे तपती धूप में मजदुरों ने मेहनत कर इस टापू को जो रूप दिया था, वह अपने अंतिम लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया। धार जिले के फिलीपींस और मिनी हनुवंतिया जैसी संज्ञा इस टापु को लेकर तत्कालीन धार जिला कलेक्टर आलोक कुमार सिंह तथा जिला पंचायत सीईओ संतोष वर्मा ने जो सपना देखा था वह इन दोनों अधिकारियों के जाने के बाद पूरा नही हो पाया।
माही बांध के बैक वाटर पर बने इस टापू को एक पर्यटक स्थल के तौर पर विकसीत करने की योजना थी। लेकीन पैसों के अभाव मे यह योजना मुर्त रूप नहीं ले पाई। टापू पर आने वाले एक्का दुक्का सैलानी जब इसकी खूबसूरती को निहारने आते हैं, तो सुविधाओ के अभाव के कारण दुखी नजर आते हैं। माही बांध पर बने टापु को हरा भरा करने के लिये यहा पर विभीन्न प्रजापतियों के करीब 4 हजार पौधे लगाए गए थे जो अब बड़े हो चुके हैं। टापू पर एक भवन भी बनाया गया हैं।
टापू को संवारने के हो रहें प्रयास – माही बांध पर बने इस टापू को खुबसुरत बनाकर सैलानियों को लाने के लिये इसे नए सिरे से संवारने के प्रयास किये जा रहे है। एसडीएम आशा परमार एवं जनपद पंचायत सीईओ मलखान सिंह कुशवाह के मार्गदर्शन में टापू पर बने भवन पर सैलानियों के लिए होम-स्टे की व्यवस्था को लेकर काम किया जा रहा हैं। भवन की छत पर चारों और रैलिंग लगाई गई है, जहां से सैलानी इसकी खूबसूरती को निहारकर इसे अपने कैमरों मे कैद कर सकें।
वही भवन के अंदर भी सुविधाओ को ध्यान में रखते हुए कुर्सियां सहित अन्य कार्य करवाए गए हैं। टापू पर पाईप लाईन व्यवस्थित तरीके से बिछाई जा रही है, ताकी गर्मी के दिनो में भी पौधो व घास को पानी मिल सके।
कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ के भ्रमण के बाद काम में आएगी तेजी –
जनपद पंचायत सीईओ मलखान सिंह कुशवाह ने कहा की वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान मे टापू को विकसीत करने की कार्य योजना बनाई गई है। जल्द ही कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ के भ्रमण के बाद इसे संवारने के लिये कार्य किया जाएगा। वही एसडीएम आशा परमार ने बताया की माही टापू बेहद खुबसुरत हैं। हमारा प्रयास रहेगा की इसे और खूब सूरत बनाया जाए तथा यह सरदारपुर तहसील के एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप मे शुमार हो। बांध पर पीने के पानी की व्यवस्था सोलर लाईट सहित कई तरह के कार्य करने को लेकर कार्य योजना बनाई जा रही है। नांव में सवार होकर टापू पर आने वाले सैलानियों के लिए लाइफ जैकेट की भी व्यवस्था की गई है।