जल संसाधन विभाग पर भारी ठेकेदार, कुंडिया नाला तालाब की शर्तों को ताक पर रखकर ठेकेदार कर रहा मिट्टी की खुदाई?, अनुमति मवडीपाडा तालाब से खुदाई की ठेकेदार कर रहा रूपारेल तालाब से खुदाई

सरदारपुर। शासकीय विभागों मे सबसे चुनौती वाले विभाग के तौर पर गिने जाने वाले जल संसाधन विभाग मे इन दिनो विभाग प्रमुख से बडा ठेकेदार हो गये है। प्रकृति को सीधे तौर पर चुनौती देकर बडे-बडे बांध बनाने वाले जल संसाधन विभाग मे छोटी सी चुक भी कभी भारी नजर आती है लेकिन वर्तमान समय मे कितनी भी बडी चुक हो कोई मतलब नही। धार जिले मे जल संसाधन विभाग के धार एंव मनावर मे दो जिला स्तरीय कार्यालय है। जल संसाधन मनावर के अंतर्गत आने वाले जल संसाधन उपसंभाग गंधवानी मे कुण्डिया नाला तालाब का निर्माण हो रहा है। इस योजना के निर्माण के लिये काली मिट्टी की आवश्यकता है।

मनावर क्षैत्र पथरिला इलाका है जहा पर काली मिट्टी नही होने से पास के सरदारपुर उपसंभाग के एक तालाब से जल संसाधन संभाग क्रमांक 1 धार के कार्यपालन यंत्री ने 16 अप्रैल को एक आदेश जारी कर ग्राम मिंडा के मवडीपाडा तालाब से सशर्त मिट्टी निकालने की अनुमति दी थी।


ठेकेदार के द्वारा उक्त तालाब से पोकलेन मशीन से खुदाई कर कुछ मिट्टी निकाली गई मिट्टी पथरिली होने से एक दिन की खुदाई के बाद मिट्टी निकालने के कार्य बंद कर दिया गया। लेकिन कहते है की सरकारी काम है तो ठेकेदार के लिये सारे नियम कायदे ताक पर रख दिये गये हो । उक्त तालाब के निर्माण के लिये ठेकेदार ने रूपारेल तालाब से बिना अनुमति के ही 13 मई से मिट्टी की खुदाई पोकलेन मशीन से आरंभ कर दी। जिसमे विभाग के द्वारा जारी की गई सशर्तो को भी ताक पर रख दिया गया।

यही उक्त तालाब से मिट्टी खुदाई वैध है या अवैध इसमे दोनो संभागो के जवाबदार के बयानों मे विरोधाभास नजर अ रहा है।

14 मई को जब इस संबध में जल संसाधन संभाग क्रमांक 1 धार के कार्यपालन यंत्री एमएस चोहान से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उन्होने कहा की हमने सिर्फ मवडीपाडा तालाब से मिट्टी खुदाई की अनुमति दी है दुसरे तालाब से खुदाई हो रही है तो वह अवैध है उस पर कार्यवाही की जाएगी।

वही जल संसाधन संभाग मनावर के उपसंभाग गंधवानी के एसडीओ शिवम जौहरी से चर्चा की गई तो उन्होने कहा की हमारे पास रूपारेल तालाब से भी मिट्टी खुदाई की अनुमति है जब उनसे पुछा गया की कार्यपालन यंत्री धार कह रहे है की उन्होने रूपारेल तालाब से खुदाई के लिये कोई अनुमति नही दी तो उन्होने फोन रख दिया।

वैसे अब देखना है की रूपारेला तालाब से की जा रही अवैध खुदाई कब वैध होती है यह तो समय की बतायेगा। लेकिन इतना तो तय है की विभाग के द्वारा जारी की गई शर्तो को ताक पर रखकर की जा रही खुदाई से उक्त तालाब को कितना नुकसान होता है ये तो बारिश के बाद ही पता चलेगा

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