सरदारपुर। सरदारपुर विकास खंड में एमडीएम प्रभारी व जन शिक्षक के संकुल क्षेत्र के एक स्कूल में खीर पूरी के स्थान पर चावल कड़ी तो दुसरे स्कूल में पानी वाली सब्जी के साथ पुड़ी बच्चों को मिली। जर्जर भवन के अंदर छत के नीचे पन्नी (बरसाती) बंधी कक्ष में बच्चे बैठ कर पढ़ने एवं भोजन करने को मजबुर है।
सरदारपुर क्षेत्र में सरकारी दावों के बावजूद ज़मीनी हकीकत कुछ और बया कर रही है। स्कूलों में छोटे छोटे बच्चों को मिलने वाला पौष्टिक मध्यान भोजन स्कूलों में मीनू अनुसार अधुरा मिल रहा है। मंगलवार को राजगढ संकुल के जन शिक्षक एवं एमडीएम प्रभारी के क्षेत्र के ग्राम कुमाररुडी के प्राथमिक स्कूल में मंगलवार को मध्यान भोजन में मिलने वाली खिरपुडी के स्थान पर चावल, कड़ी बच्चों को मिली। वहीं भवन जर्जर भवन की छत से बारिश के दिनो मे पानी का रिसाव अधिक होने से छत के नीचे बरसाती (पन्नी) बांध कर बच्चों को अध्यापन कार्य करवाया जा रहा है साथ ही छोटे छोटे बच्चो को मंगलवार को मिनु अनुसार खीर पुड़ी मिलना चाहिए थी। लेकिन यहां लापरवाही के चलते बच्चों को केवल चावल कड़ी उपलब्ध होने से मासूम चावल कड़ी ही खाते दिखाई दिए।

ग्राम टिमायची की एकीकृत शाला में दिया तले अंधेरा सा मुहावरा सही में दिखाई दिया। यहां प्राथमिक स्कूल के बच्चों को मंगलवार को खीर पुड़ी मिली तो इसी परीसर में माध्यमिक स्कूल के बच्चों को पानी वाली आलु की सब्जी पुड़ी भोजन में उपलब्ध हुई।
नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ हुए तीन माह का समय गुजर चुका है। लेकिन जर्जर विद्यालयो मे कक्षाओ के संचालन को लेकर जवाबदार गंभीर नही दिखाई दे रहे है। केवल कागजों पर ही विद्यालयो के जर्जर स्थिती का बखान कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रहे है। शायद किसी बडे हादसे के बाद इन जवाबदारो की नींद टुटे। कुछ माह पुर्व ही राजस्थान मे जर्जर विद्यालय की छत गिरने के कारण नौनिहालों को अपनी जान से हाथ धोना पडा था लेकिन इस तरह के हादसे के बाद भी यहा जवाबदार अपनी मस्ती में मस्त दिखाई दे रहे हैं।
ग्राम कुमाररुण्डी प्राथमिक स्कूल में कार्यरत शिक्षक ने चर्चा में बताया कि जर्जर भवन के संबंध में संस्था के माध्यम से समय-समय पर बीआरसी कार्यालय को पत्र के माध्यम से पूर्व से अवगत कराया जा चुका है। संस्था परिसर में दो अतिरिक्त कक्ष का निर्माण हो चुका है। लाइट फिटिंग का कार्य अधूरा होने से हैंडओवर नहीं हुआ है।