राजगढ़। आचार्य श्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तक जिनेंद्रमुनिजी ,पूज्य श्री अतिशयमुनिजी, नवदीक्षित
श्री ललितमुनिजी ठाणा -3 का र विवार को राजगढ़ नगर में मंगल प्रवेश हुआ।
मुनिमंडल का वर्ष 2024 का वर्षावास उज्जैन शहर में था वर्षावास पूर्ण करने के बाद मुनिमंडल ने बदनावर, थांदला, मेघनगर, कल्याणपूरा, झाबुआ, कालीदेवी, दत्तीगांव आदि क्षेत्रों में महती धर्म प्रभावना की।
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तक श्री जी के सानिध्य में थांदला नगर में अक्षय तृतीया पर वर्षीतप पारणों का आयोजन हुआ वहीं थांदला नगर के ही दो मुमुक्षु आत्माओं की जैन भगवती दीक्षा भी संपन्न हुई। शेष काल में मिले मुनिमंडल के सानिध्य का इन क्षेत्रों में श्रावक -श्राविकाओ ने पुरा-पुरा लाभ लिया।
रविवार को मुनिमंडल की अगवानी हेतु श्रावक -श्राविकाए मोहनखेड़ा गेट पर पहुंच गए थे। प्रवेश के दौरान श्रावक-श्राविकाए गगनभेदी जयकारे लगाते हुऎ चल रहे थे। प्रवेश यात्रा, दलपुरा, लाल दरवाजा होती हुई चबुतरा चौक स्थित स्थानक भवन पहुंची। यहां श्रावक -श्राविकाओ ने मुनिमंडल को सामूहिक वंदना कर विहार की सुखसाता पूछी। यहां पर कई आराधको ने विविध प्रत्याख्यान भी ग्रहण किए।
श्री प्रवर्तक जी ने सभी को मांगलिक श्रवण करवाई। इसके अलावा विभिन्न आराधनाए संपन्न हो रही है। श्रीसंघ ने मुनिमंडल के मिले सानिध्य का पुरा-पुरा लाभ लेने का निवेदन किया है । प्रवर्तक श्री का इस वर्ष का चातुर्मास रतलाम शहर में होगा।
आचार्य प्रवर पूज्य श्री उमेशमुनिजी म. सा की स्मृति में प्रत्येक माह की 18 तारीख़ को सामुहिक सामायिक व नवकार महामन्त्र के जाप होते है। रविवार को प्रभावना का लाभ फूलचंद नखेत्रा परिवार ने लिया।
आतिथ्य सत्कार का लाभ भेरूलाल वागरेचा परिवार ने लिया मंगल प्रवेश के बाद प्रवर्तक श्री जी ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए बताया कि किसी को कितना भी ज्ञान हो मगर कोई पूछे तो उसे कहना कि गुरुकृपा है। उक्त जानकारी संघ के मीडिया प्रभारी हितेश वागरेचा ने दी।