सरदारपुर – वर्षा ऋतु से पहले चुनार बांध नही सुधरा तो कारम बांध की तरह किसानों को उठाना पड़ेगा नुकसान, विधायक ने कलेक्टर से मुलाकात कर करवाया अवगत

सरदारपुर। वर्षा ऋतु के पूर्व चुनार बांध को सुधार की दरकार है। समय रहते बांध को नहीं सुधारा गया तो कारम बांध की तरह क्षेत्र के किसानों को नुक्सान उठाना पड़ सकता है। क्षेत्रीय विधायक प्रताप ग्रेवाल ने क्षेत्र के चुनार एवं मौलाना डेम को लेकर जिला कलेक्टर से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया। कलेक्टर ने विभाग के आला अधिकारी को निर्देशित कर डेम के रिपेयरिंग कार्य जल्द करने को कहा।

सरदारपुर क्षेत्र में जल संसाधन विभाग का सबसे बड़ा चुनार बांध है। बांध पिछले दो वर्षों से सुधार कार्य की बांट जो रहा है। सरदारपुर तहसील के आदिवासी क्षैत्र मे स्थित चुनार बांध ऐसे ही कुछ जख्म देने वाला है। यदि जल संसाधन विभाग बारिश के पुर्व चुनार बांध के स्लुज गैट के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत नही कर पाया तो शायद चुनार बांध के फुटने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है।

2558 लाख से बना है चुनार बांध:- दत्तीगांव के निकट वर्ष 2018 मे 2558 लाख की लागत से चुनार बांध का निर्माण हुआ था। इसमे आदिवासी बाहुल्य क्षै़त्र माछलिया, पिपलिया भान, सरोदा, दुधी काँच जैसे करीबन 10 गांवो के किसानो को 1620 हेक्टेयर भुमि मे सिंचाई सुविधा का लाभ मिलता है। 18 मार्च 2023 को कुछ लोगो ने बांध के स्लुज गैट मे पत्थर डालकर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया था। तब ग्रामीणो एंव जल संसाधन विभाग ने कार्यवाही को लेकर थाना प्रभारी एंव एसपी को आवेदन दिये थे।


इसी वर्ष बारिश के समय बांध से पानी के रिसाव को देखते हुए बांध के फुटने की अफवाह भी उडी लेकीन विभाग के द्वारा स्लुज गैट मे थोडा बहुत सुधार कार्य करवाकर पानी का रिसाव रोक दिया गया। लेकिन 8 सिंतबर 2023 को अत्याधिक बारिश होने से तालाब की पाल पर स्लुस वेल के सामने मिट्टी धंसने से लगभग 4 मीटर गहरा एंव 4 मीटर व्यास का गड्डा हो गया था जिसे त्वरित मिट्टी डालते कम्पेक्शन बंद किया गया तथा तालाब की पाल को क्षति होने से बचाया गया। वही 16 एंव 17 सितबंर को भी अतिवृष्टि के कारण तालाब की पाल से डाउनस्ट्रीम से 11 विभीन्न आरडी से अत्याधिक मात्रा मे सीपेज होना पाया गया जिससे पाल के टुटने का खतरा उत्पन्न हुआ। विभाग ने तत्कालीन व्यवस्था के रूप मे सीपेस पांइट पर मिट्टी के बैग लोडिग कर पाल के कटाव को नियंत्रित किया। 22 नवंबर 2023 तो फिर तालाब की पाल पर स्लुज वेल के सामने मिट्टी के सेटलमेंट होने से लगभग 4.5 मीटर गहरा एंव 4 मीटर व्यास का गड्डा हो गया जिसे पोकलेन मशीन से मिट्टी डालकर बंद किया गया। 3 सितंबर 2024 को फिर तालाब की पाल पर स्लुज वेल के सामने मिट्टी के सेटलमेंट होने से लगभग 1.5 मीटर गहरा एंव 4 मीटर व्यास का गड्डा होने के बाद उसे भी तत्काल पोकलेन मशीन से मिट्टी डालकर बंद किया गया ।

99.53 लाख का प्राक्कलन बना कर भोपाल भेजा था जो कमियों के कारण लौटा – 22 फरवरी 2024 को जल संसाधन विभाग धार के कार्यपालन यंत्री ने चुनार बांध की विशेष मरम्मत की प्रशासकीय स्वीकृति लेकर मुख्य अभियंता को पत्र भेजकर 99.53 लाख का प्राक्कलन बनाकर भेजा गया। जिसक जवाब मे अधीक्षण यंत्री मेघा चौरे कार्यालय प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल के द्वारा 2 अप्रैल 2024 को प्रमुख अभियंता भोपाल ने मुख्य अभियंता नर्मदा ताप्ती कछार जल संसाधन विभाग इंदौर को पत्र भेजकर चुनार बांध के सुधार कार्य हेतु विशेष मरम्मत के प्राक्कलन के संबंध मे निर्देश देते हुये लिखा की चुनार तालाब के विशेष मरम्मत प्राक्कलन लागत 68.97 लाख के प्रशासकीय स्वीकृति प्रस्ताव मे परीक्षण टीप लिखी गई जिसमे कहा गया की पिंचिग कार्य मे स्पाल का प्रावधान नही किया गया। जो की अनिवार्य है। पिंचींग कार्य मे नया कार्य प्रस्तावित किया गया है पिंचींग प्रस्तावित नही किया गया। पिंचींग की गणना प्रस्तुत नही की गई। विगत वर्षो मे किये गये व्यय की जानकारी नही दी गई। उक्त प्रस्ताव अंतर्गत संक्षिप्त टीप मे विशेेष मरम्मत कार्य की लागत 99.60 लाख प्रस्तावित है संशोधित कर प्रस्तुत करे। इस प्रकार की टिप्पणियों के साथ प्राक्लन फिर कार्यालय को भेजा गया था। लेकिन एक वर्ष बित जाने के बाद भी जिला स्तर से प्राक्लन संशोधित कर भोपाल नही भेजा जा सका ।

बारिश के पुर्व सुधार कार्य नहीं हुआ तो चुनार बांध फुटने की संभावना बन सकती है- विभागीय कार्यवाही अभी तक केवल कागजों पर ही चल रही हे वही बारिश के आरंभ होने मे 2 माह का समय बचा है ऐसे मे चुनार बांध के स्लूज गैट के सुधार कार्य मे विभाग का पत्राचार और प्रशासकीय स्वीकृति रोडा बनी हुई हे।

सुत्रो की माने तो बारिश के पुर्व यदि चुनार बांध के स्लुज गैट के क्षतिग्रस्त हिस्से का सुधार नही हुआ तो बांध के फुटने से इंकार नही किया जा सकता है। और यदि बांध फुटा तो माछलिया, दुधी काँच जैसे कुछ बडे गांवा मे बडी विभीषिका से इंकार नही किया जा सकता है।

विधायक प्रताप ग्रेवाल ने कहा कि चुनार बांध एवं मौलाना डेम को लेकर शासन प्रशासन को कई बार आवेदन पत्र भेजकर अवगत कराया जा चुका है। शासन प्रशासन की इस गंभीर चुक से ग्रामीणो एवं किसानों को गंभीर परिणाम भुगतना पड सकते है। शुक्रवार को जिला कलेक्टर से मुलाकात कर बांध की समस्या से अवगत कराया गया है। जल्द ही बांध का कार्य कराने का आश्वासन दिया है।

वही एम.ए. सिद्दीकी एसडीओ जल संसाधन विभाग सरदारपुर ने बताया कि चुनार बांध की मरम्मत को लेकर 99.53 लाख का प्राक्कलन बनाकर भेजा गया था। जिसे भोपाल से लौटा दिया गया है। अभी वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन मे प्राक्कलन को रिवाइज किया जा रहा हैै। संभावना है जल्द प्रशासकीय स्वीकृति मिल जायेगी।

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