सरदारपुर – ग्राम पंचायत कंजरोटा के जिम्मेदारों ने बिना कार्य के निकाली लाखों की राशि, जनपद में शिकायत के तीन माह बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

सरदारपुर। सरकारे ग्रामीण अंचलों में विकास कार्य के लिए लाखों रुपये की राशि भेजते है लेकिन पंचायतों में बैठे जिम्मेदार बिना कार्य किए ही लाखो रुपये की राशि निकाल लेते है और तो और उन पर शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत कंजरोटा का सामने आया है।

ग्राम पंचायत कंजरोटा में लाखों रुपए की ग्राम विकास के लिए आई राशि को पंचायत जिम्मेदारों ने बिना कार्य के निकालने की गड़बड़ी, घोटाले का आरोप लगाते हुए ग्राम पंचायत पंच अंबाराम डामर और पंच प्रतिनिधि पन्नालाल परमार द्वारा 7 जनवरी को सरदारपुर जनपद पंचायत सीईओ को और जनसुनवाई में आवेदन पत्र देते हुए जांच कर मामले में दोषियों से ग्राम विकास की लाखों रुपए की राशि वसूल कर कारवाई की मांग की थी। लेकिन जनपद पंचायत सरदारपुर के अधिकारियों द्वारा लाखों रुपए की राशि निकालकर घोटाला करने की जांच को लेकर आज तक कोई जांच नहीं की गई।

दरअसल दिए गए आवेदन के संबंध में पंच अंबाराम डामर और पंच प्रतिनिधि पन्नालाल परमार ने बताया कि ग्राम पंचायत कंजरोटा में 1 अप्रैल 2022 से 31 दिसंबर 2024 तक ग्राम पंचायत के खाते में 77 लाख 92 हजार 356 रुपए की राशि 15 वित और ग्राम स्वराज से आए थे जिसमें टी.एस व ए.एस के अनुसार 36 लाख 32 हजार 500 रुपए खर्च की गई जिसका मूल्यांकन अनुसार कार्य नहीं किया गया। साथ ही 41 लाख 59 हजार 856 रुपए की राशि बिना कार्य के निकाली गई। जिसकी जांच कर वसूली की मांग की गई है।

तीन माह बाद भी न जांच हुई, न हुई कोई कार्रवाई-
शिकायतकर्ता कंजरोटा ग्राम पंचायत वार्ड क्रमांक 2 के पंच प्रतिनिधि पन्नालाल परमार और वार्ड क्रमांक 3 के पंच अंबाराम डामर ने बताया कि जनपद पंचायत सरदारपुर में शिकायत के तीन माह बाद भी सरदारपुर जनपद पंचायत के अधिकारियों द्वारा ना जांच की गई ना कार्रवाई की। गई हमारे द्वारा कई बार इस संबंध में अधिकारियों को भी अवगत कराया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। वही इस पूरे मामले में संबधितो से चर्चा करना चाही लेकिन उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया।

कई मामले हो सकते है उजागर –
सरदारपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ऐसी कई पंचायते है जिनमे ऐसे कई मामले ठंडे बस्ते में पड़े है। अगर जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी से निर्वहन करे तो ऐसे एक नही कई भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो सकते है। कई कार्य ऐसे भी हुए हैं जिनका अगर भौतिक सत्यापन करवा लिया जाए तो सरपंच से लेकर उपयंत्री तक जांच घेरे में आ सकते है।

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