सरदारपुर – जनजातीय कार्य विभाग में नियमो को ताक में रखकर कर स्थानांतरण करने का आरोप, विधायक ग्रेवाल ने मुख्यमंत्री एवं आयुक्त को पत्र लिखकर जांच की रखी मांग

सरदारपुर। सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल ने गुरूवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव एवं जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त श्रीमन शुक्ला को पत्र लिखकर नियम विरूध्द किए गए स्थानांतरणो की जांच करने की मांग रखी।

पत्र मे बताया गया है कि सहायक आयुक्त द्वारा अपने अधिकार क्षैत्र से बाहर जाकर व्याख्याता के स्थानांतरण के आदेश भी जारी कर दिए। स्थानांतरण नीति की कण्डिका 33 के तहत राज्य शासन से पत्राचार करने की मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष को स्थानांतरण मे छूट का लाभ दिया जाता है किन्तु सहायक आयुक्त धार द्वारा उनके स्थानांतरण भी कर दिए। स्थानांतरण नीति 2025 की कण्डिका 9.5 मे बताया गया है कि प्रशासनिक कारण से यदि स्थानांतरण एक स्थान से दुसरे स्थान पर किया जा रहा है तब जिस स्थान से स्थानांतरण कर दुसरे स्थान पर पदस्थापना की जा रही है उस स्थान का स्थानांतरण के कारण रिक्तियां का प्रतिशत स्थानांतरित किए गए स्थान से अधिक तो नही हो रहा है एवं 1 वर्ष के अन्दर सेवानिवृत्ति होने वाले कर्मचारी का स्थानांतरण नही किया जा सकता है किन्तु सहायक आयुक्त द्वारा ऐसे भी कर्मचारियो का स्थानांतरण कर दिया जिनकी सेवानिवृत्ति मे 6 माह ही शेष है।

स्थानांतरण नीति 2025 की कण्डिका 26 के अनुसार विकलांग कर्मचारी का प्रशासनिक स्थानांतरण नही किया जा सकता है लेकिन विकलांग कर्मचारियो का भी प्रशासनिक स्थानांतरण नियमो को ताक मे रखकर कर दिया गया एवं 3 वर्ष की परीविक्षा अवधि पूर्ण होने के पूर्व स्थानांतरण नही किया जा सकता है किन्तु राजनीतिक दबाव एवं आर्थिक प्रलोभन मे कई कर्मचारियो का परीविक्षा अवधि पूर्ण होने के पूर्व ही स्थानांतरण किया गया है।

विकासखण्ड सरदारपुर की शा.मा.वि. बिमरोड मे 4 शिक्षक पदस्थ थे जिसमे से 2 का स्थानांतरण कर दिया एवं 1 शिक्षक को सरदारपुर के अन्य विभाग मे संलग्नीकरण किया गया है जिससे बिमरोड माध्यमिक विद्यालय की कक्षा 1 से 8 तक की कक्षा केवल 1 शिक्षक के भरोसे रह गई हैं ऐसे अनेक विद्यालयो को शिक्षक विहीन कर दिया गया है। उक्त जानकारी विधायक कार्यालय से विष्णु चोधरी द्वारा दी गई।

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