सरदारपुर। सिविल अस्पताल सरदारपुर में स्वास्थ्य सेवाएं एसडीएम के औचक निरीक्षण के बाद व्यवस्थित होने लगी है। वैसे पहले भी कई चिकित्सक तो नियमित रूप से ओपीडी समय मे ओपीडी मे बैठकर उपचार करते हुए मिल जाते थे। लेकिन जो चिकित्सक ओपीडी समय के दौरान कम समय ही दिखते थे वे भी अब नियमित रूप से ओपीडी समय में ओपीडी मे मिल रहे है। वैसे पहले कई बार तत्कालीन एसडीएम ने समय-समय पर औचक निरीक्षण भी किया लेकिन जो कार्यवाही इस बार एसडीएम आशा परमार ने की वैसे कार्यवाही अब तक नही हो पाई थी।
सीबीएमओ का चार्ज भी युवा एमडी डाॅ अरूण मोहरानी को मिलने के बाद अस्पताल मे व्यवस्था भी चाक चौबंद नजर आने लगी है।
डाॅ.अरूण मोहरानी एमडी है वही सीबीएमओ को चार्ज भी वर्तमान मे उनके पास ही है। इस युवा चिकित्सक ने बखूबी अपनी जिम्मेदारी को संभाला है। ओपीडी समय मे जहा मरीजों का उपचार कर रहे है तो ओपीडी समय के बाद मैदानी भ्रमण कर स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बना की दिशा मे कारगार काम कर रहे है।
वैसे करीब 3 दशक तक सिविल अस्पताल मे सेवा देने वाले डाॅ एमएल जैन के स्वैच्छिक सेवानिवृति के बाद ऐसा लगने लगा था की अस्पताल की ओपीडी मे डॉ. जैन के समय जैसी भीड नही रहेगी। लेकिन वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ नितीन जोशी, शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ अनिल पाटीदार,डाॅ दीपक सोलंकी, डाॅ सचिन द्विवेदी जैसे चिकित्सकों ने बखूबी व्यवस्थाओ को संभाल लिया है। वर्तमान समय मे अस्पताल मे प्रतिदिन की ओपीडी 250 से अधिक हो रही है।
डॉ. नितीन जोशी ने बताया की वर्तमान समय मे ओपीडी मे प्रतिदिन 150 से अधिक मरीज आ रहे है कई बार तो ओपीडी का आंकडा 200 को पार कर रहा है। अधिकांश मरीज सर्दी,खांसी जुकाम, पेट दर्द ओर वायरल फीवर के आ रहे है। डाॅ नितीन जोशी ने बताया की मौसम के परिवर्तन के दौरान सावधानिया रखना चाहिये पानी साफ पीना चाहिए ताकि हम इस प्रकार की मौसमी बीमारी से बच सके।

वही शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. अनिल पाटीदार भी एनबीएसयू और एनआरसी मे नियमित रूप से अपनी सेवाये दे रहे है। डाॅ. अनिल पाटीदार ओपीडी मे प्रतिदिन 40 से 50 मरीजों का उपचार कर रहे है। जिनमे नवजात से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चे शामिल है। डाॅ. पाटीदार ने बताया की अभी सर्दी खांसी एंव उल्टी दस्त के मरीज अधिक आ रहे है। बच्चे के अभिभावक को समझाइश दे रहे है की पानी उबालकर उसे ठंडे करके ही बच्चो को पिलाये ताकी उल्टी-दस्त जैसी कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
सिविल अस्पताल में हालांकि स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी लंबे समय से खल रही है लेकिन वरिष्ठ चिकित्सक डॉ शीला मुजाल्दा एवं डाॅ. आयुशी मित्तल जैसी महिला चिकित्सकों ने स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी को महसूस नही होने दिया है। दोनो नियमित रूप से ओपीडी मे महिला मरीजो का उपचार कर रही है।
युवा एमडी डाॅ. अरूण मोहरानी के सीबीएमओ का पदभार ग्रहण करने के बाद अस्पताल की व्यवस्था मे काफी हद तक सुधार हुआ है। एलटीटी कैम्प मे अच्छी व्यवस्था को देखकर बुधवार को भ्रमण पर आये सीएमएचओ ने भी व्यवस्था मे सुधार की तारीफ की। डाॅ. अरूण मोहरानी ने बताया की सिविल अस्पताल से लेकर अंचल के उप स्वास्थ्य केंद्रो पर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा मिले इस दिशा मे प्रयास किये जा रहे है। सप्ताह मे दो से तीन दिन मैदानी भ्रमण कर रहा हु जो कमी दिखाई दे रही है उसे सुधार के निर्देश दिये गये है। वही जो समस्या आ रही है उसके समाधान के लिये वरिष्ठ अधिकारीयो को अवगत कराया जा रहा।

सीबीएमओ डाॅ. अरूण मोहरानी ने बताया की पहले से व्यवस्था चाक चैबद होने साथ प्रतिदिन चिकीत्सक और कर्मचारी नियमित अपनी सेवा दे रहे है। यही नही मैदानी अमले का हौसला अफजाई भी किया जा रहा है। जिसमे अच्छे कार्य करने वाले मैदानी कर्मचारीयो को बैठक मे नगद राशी देकर पुरस्कृत किया जा रहा ताकी दुसरे कर्मचारी भी प्रेरणा लेकर बेहतर कार्य करे।