राजगढ़। जनजाति गौरव दिवस के रूप में 15 नवंबर भगवान बिरसा मुंडा जयंती इस वर्ष प्रत्येक परिवार अपने-अपने घर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाए जाकर प्रत्येक घर गांव में उनका पूजन अर्चन किया जाएगा। साथी ही उनके द्वारा देश राष्ट्र समाज के लिए किए गए संघर्ष समाज जाने ओर भगवान बिरसा मुंडा जयंती प्रत्येक जनजाति समाज मानाये जनजाति विकास मंच द्वारा प्रत्येक गांव परिवार में भगवान बिरसा मुंडा का चित्र उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि समाज अपने अपने घर में उनकी पुजन अर्चना करें। इस उपलक्ष्य में कल बुधवार को भव्य वाहन रैली राजगढ़ के मार्केटिंग सोसायटी से निकाली गई। जो सरदारपुर जाकर समाप्त हुई। जिसमें अतिथि राजेश डावर झाबुआ, बहादुर भगत कुशलपुरा, गुला भगत, धना भगत , केशव बघेल, गोविन्द वडखिया, रामप्रकाश मछार, पाग्ला मावी आदि मंचासिन थे। वाहन रैली में उपस्थित कार्यकर्त्ता को राजेश डावर ने कहा भगवान बिरसा मुंडा का जन्म दक्षिण बिहार के छोटा नागपुर क्षेत्र में रहने वाली एक प्रमुख जाति है मुंडा, में 15 नवंबर 1875 को सुगना मुंडा व करमी देवी के घर एक बालक का जन्म हुआ। जो बृहस्पतिवार को जन्म होने के कारण बिरसा नाम रखा बिरसा बचपन से ही बहुत ही होनहार गलत था वह अपनी बांसुरी लेकर भेड़ बकरियां चराने जंगल निकल जाता था दिन भर मधुर बांसुरी की तान बजा कर सभी का मन मोह लेता था। बड़े होकर उन्होंने आदिवासी समाज को संगठित कर अंग्रेजों के विरुद्ध जन आंदोलन छेड़ दिया सामाजिक सुधारों के साथ साथ राजनीतिक शोषण के खिलाफ संघर्ष शुरू हो गया अंग्रेज के पिट्ठू जमींदार भोले जनजाति आदिवासी पर अत्याचार करते थे। पर बिरसा के कारण जनजाति अन्याय का संगठित प्रतिकार करने लगे।
अतिथियों का परिचय दिवानसिह मकवाना ने करवाया। वही स्वागत भुपेंद्र भुरिया, सुमित अमलियार, सुरेश गुड़िया, प्रवीण भूरिया, कृष्ण चौहान ने किया। आभार एवं संचालन दिलीप मछार ने किया।