राजेश शर्मा वरिष्ठ पत्रकार, विचारक, लेखक
98938 77004, 90094 77004
कराहती मानवता, सिसकते आंसू, डबडबाई आंखे, अपनों को खोने का गम… दुख और वेदना से भरा यह मंजर….. लाशों का अंबार झकझोर रहा है…..हर उखड़ती सांसे डरा रही है कि जीवन और मौत की इस अंतहीन जंग का अंत भला कब तक ? कोरोना की विभीषिका कहीं किसी बडे़ संकट की आहट तो नहीं … गलियां सूनी है तो सूना पड़ा है किसी का संसार…उजड़े किसी के सपने, तो उजड़ गया किसी के सपनों का महल….. सूना है घर आंगन.. सूनी है दुनिया की चकाचौंध…
वैश्विक महामारी कोरोना की जंग में आओं हम सब संकल्प ले कि दुख, वेदना और कराहती मानवता के जख्मों पर संवेदना का लेप लगाएंगे….किसी की उखड़ती सांसो का आक्सीजन हम बन जाएं… जीवन रक्षक रेमडेसिविर बन किसी के जीवन की आस बन जाएं …….. कोरोना की इस सेकंड वेव में किसी ने अपने कलेजे को खोया है तो किसी की मांग का सिंदूर उजड़ गया…. बहन को भाई को खोने का गम……..मंजर भले ही निराशा का हो पर सेवा रूपी हाथ आशा की नई किरण पैदा कर रहे है..
चहुंऔर आपदा के मंजर… दूर-दूर तक रूदन, क्रंदन और सिसकियां… मानवीय त्रासदी के दूर-दूर तक दिखाई दे रहें दृश्य… पर आपदा को अवसर में बदलने दिलदारो… दानवीरो की नगरी इंदौर (मिनी मुंबई) से मुंबई तक, सूरत से रेगिस्तान के रण तक अर्थात कश्मीर से कन्याकुमारी तक “नर सेवा ही नारायण सेवा है” इस मंत्र को जीवन का सूत्र वाक्य मानकर समाज के योध्दा, समाज के सेनानी, समाज के शूरवीर जख्मो पर संवेदना का लेप लगा रहें हैं…
मन में दर्द है… सिसकियां है… पर अपनों को पैरों में चप्पल पहनाते… तन पर कपड़े और बिछौना बिछाते समय ये हाथ अपने जीवन को (कुछ हद तक) साकार मान रहें हैं। अपना दर्द… गम भूलकर मदद को उठे ये हाथ मानो आज भारत भूमि को इठलाने का अवसर प्रदान कर कह रहे हो कि ये समाज के आंसू पोछने वाले हाथ (समाज योध्दा) यही तो भारत की असली ताकत है… यही है न्यू इंडिया…
समाज सेवा का ऐसा ज्वार…मदद की ऐसी सुनामी… बिना किसी इमदाद (मदद) के स्व स्फूर्त उठे मदद को हाथ… आपदा-विपदा को चुनौती दे कर कह रहे हो कि जख्म कितने ही बड़े क्यों न हो सेवा रूपी “मल्हम” के सामने उसकी क्या बिसात… समाज के इन संवेदनशील हाथों को न सम्मान और न ही प्रतिष्ठा की चाहत है ये तो “नर में ही नारायण” के दर्शन कर, सेवा कर दुर्लभ मनुष्य जीवन को सार्थक करना चाह रहे हैं। भले ही आज समय मध्दिम हों… चहुंओर आशंका चिंता और निराशा हों… पर मदद को उठे ये हाथ आस बंधा रहें हैं और मानो कह रहे है कि अंधियारा कितना ही घना क्यों न हों… मदद (सेवा) रूपी हाथों के प्रकाश के आगे उसकी क्या बिसात (औकात)।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भारत युगों-युगों से संस्कार, सेवा और समर्पण की गाथा गा रहा है। भगवान श्रीकृष्ण, महावीर स्वामीजी और गौतम बुद्ध का गौरव गान गाता यह देश सदियों से संवेदना और उदारता का संदेश देता रहा है। “जीयो और जीने दो” का संदेश मानो हमारे सामाजिक ताने-बाने की “प्राण वायु” हो।
सूफी-संतो, ऋषि-मुनि, तपस्वियों के भारत देश का रोम-रोम, कण-कण और जर्रा-जर्रा त्याग, तपस्या से भरा पड़ा है…माटी से प्रेरणा लेकर सेवा का सुमन खिलाने निकल पड़े हैं ये माटी के लाल।
वंदन है ये सेवा रूपी हाथ…. अभिनंदन है माटी के इन सपूतों का, दानदाताओं का… नमन है समाज के इन योद्धाओं का.. विपत्ति के दौर में समाज को मुस्काने का अवसर प्रदान करने वाले ही तो मसीहा कहलाते हैं
शिर्डी के सांई बाबा, त्याग और सेवा की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा से लेकर अनेक युग पुरूषों, महापुरुषों की यह पवित्र भारत भूमि ने हमेशा से ही त्याग और सेवा को वंदन किया हैं….
सच है कश्मीर से कन्याकुमारी तक सेवा का जो अलख जगा है… संवेदना का जो मर्म उमड़ा है… जख्मो पर संवेदना रूपी मल्हम का लेप लगाते भावो का जो प्रस्फुटन पैदा हुआ है… धन्य हैं ये भारत के ये समाज सेनानी… धन्य है ये “माँ भारती के लाल”… नमन है सेवा करते इन सुकोमल हाथों को….
क्या खूब कहा है…
“जीना उसका जीना है
जो औरो को जीवन देता हैं।”
लेखक राजेश शर्मा का परिचय
वर्तमान में संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस से जंग लड रहा है। जंग में मानवता के कई ऐसे प्रहरी है जो जंग से मानव जाति को उबारने के लिए प्रण और प्राण से जुटे है। इस समसामयिक एवं विश्वव्यापी ज्वलंत समस्या पर तीक्ष्ण दृष्टि डालता आलेख मप्र की राजा भोज की ऐतिहासिक नगरी धार के वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, विचारक राजेश शर्मा ने लिखा है। लेखक राजेश शर्मा की ख्याति राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार मप्र शासन होकर लेखक, विचारक एवं प्रशासनिक परीक्षा के एक्सपर्ट के रूप में है। आपके मार्गदर्शन में कई युवा प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत है। आपने पीएससी परीक्षा एवं पत्रकारिता पर कई पुस्तकों की रचना की है। आप प्रदेश शासन की इंदौर संभाग स्तरीय पत्रकार अधिमान्यता समिति के सदस्य रहे है साथ ही पत्रकारिता की सर्वोच्च डिग्री एमजे में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से टाॅपर रहे है।
Wah bhaisab Heart touching Bate