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जीवन भर निभाया साथ, तो भला मौत में राहें जुदा कैसे हो सकती थी…….

 

राजेश शर्मा वरिष्ठ पत्रकार, विचारक

98938 77004, 90094 77004

जिंदगी तो बेवफा है.. एक दिन ठुकरायेगी…… क्षणभंगुर जीवन…. पानी के बुलबुले सा जीवन….  हंसते खेलते जीवन सफर पर कब  मौत का बुलावा आ जाए. किसी को नहीं पता…   जिंदगी जितनी हसीन है तो मृत्यु उतनी ही क्रूर…… कब  सरपट दौडती जिंदगी थम जाए  किसी को नहीं पता  ?❓ ….                         माहेश्वरी परिवार और शिव विहार एक्सटेंशन कालोनी धार के निवासियों की जिंदगी सरपट दौड़ रही थी  पर एकाएक पहले पति और फिर पत्नी की असामयिक मौत ने सब को हिला कर रख दिया… सब सकते में है… महज 3 दिनों में हंसता.. मुसकाता चेहरा सबको बिलखता छोड़ जाएगा ऐसा तो सपने में भी नहीं सोचा था पर हां यह सच है…   जिंदगी जितनी हसीन है तो मृत्यु उतनी ही क्रूर……  यही तो विधि का विधान है….  भैया और भाभी मानों एक दूसरे का साया… कदम -कदम? पर भैया और भाभी का साथ मानों एक दूजे के लिए ही बने थे दोनों…. जीवन का सफर साथ निभाते हुए निभाया तो वियोग के पलों में भला कैसे एक दूसरे का साथ और हाथ छोड़ सकते थे….. जीवन भर साथ रहा बंधन.. मृत्यु के पलों में भी यह बंधन नहीं टूट पाया…जीवन के उस  पार अनंत यात्रा पर पति चल पड़े तो हमेशा पति की  हमकदम भाभी भी चली गई उस राह पर जहां से कोई लौट कर नहीं आता…शायद विधाता भी एक दूजे का वियोग सह नहीं पाए…..                                                                                            वैश्विक महामारी कोरोना की सेकंड वेव माहेश्वरी परिवार?????? धार शहर और जिलेवासियों के लिए इतनी भयावह होगी किसी ने यह कल्पना भी नहीं की थी ….. मन सिहर उठा… होठ कपकपा रहे हैं कि मृत्यु इतनी निष्ठुर हो सकती है…. ताश के पत्तो की तरह पल में बिखर गया माहेश्वरी परिवार का घर ? आंगन और सपने….. बुधवार  31 मार्च का दिन धार शहरवासियों और शिव विहार एक्सटेंशन कालोनीवासियों के लिए आम दिन की तरह  गुजर रहा था कि एकाएक  दुखद खबर ने तो मानो सरपट सी दौड़ती जिंदगी पर ब्रेक लगा  दिया… कालोनी का हर  दिल अजीज , जिंदादिली से जिंदगी जीने वाले सुनिल माहेश्वरी के  दुखद निधन की सूचना… सहसा विश्वास नहीं हुआ कि     जीवन को उत्सव की तरह जीने वाले .. मस्तमौला  सुनिल भाई सब को ऐसा छोड़     कर चुुपके से चले जाएंगे   पर  यह  दुुुुखद सच्चाई सब को स्वीकार  करना पड़ी….. वज्रपात की यह  घटना जब घटी… उस दौरान उनकी  धर्मपत्नी ज्योति माहेश्वरी अस्पताल में उपचाररत थीं… भौतिक रूप से जरूर भाभी को इस दुखद घटना का एहसास नहीं होने दिया, पर  अनहोनी का मानों भाभी को एहसास हो गया था…    जीवन और मौत  के सफर में भाभी को बचाने के हर जतन हर      प्रयास  निष्फल साबित हुए….    जीएं  साथ…. तो  इस दुनिया से  जुुुदा  भी  साथ मेंं होंगे  …  कुछ इसी   तर्ज   पर  पति की  मौत के महज तीसरे दिन पति संंग   चल  पडी़  अनंंत यात्रा की और भाभी………   जीवन भर का साथ मौत के सफर में भी साथ -साथ निभाया भाभी ने…….   कोरोना पाजीटिव साथ- साथ हुए.. एडमिट साथ में हुए… और मृत्यु का वरण साथ में किया….. प्रेम और करूणा की यह कहानी युगों- युगों तक सालती रहेगी……                                                      भैया और भाभी  आपके बिना हर उत्सव, हर त्यौहार, हर रस्म अधूरी रहेगी… ….  हो सको तो लौट के आना……    श्रद्धावनत                  राजेश शर्मा    

                                                  

लेखक राजेश शर्मा का परिचय

वर्तमान में संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस से जंग लड रहा है। जंग में मानवता के कई ऐसे प्रहरी है जो जंग से मानव जाति को उबारने के लिए प्रण और प्राण से जुटे है। समसामयिक एवं विश्वव्यापी ज्वलंत समस्या पर तीक्ष्ण दृष्टि डालता आलेख मप्र की राजा भोज की ऐतिहासिक नगरी धार के वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, विचारक राजेश शर्मा ने लिखा है। लेखक राजेश शर्मा की ख्याति राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार मप्र शासन होकर लेखक, विचारक एवं प्रशासनिक परीक्षा के एक्सपर्ट के रूप में है। आपके मार्गदर्शन में कई युवा प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत है। आपने पीएससी परीक्षा एवं पत्रकारिता पर कई पुस्तकों की रचना की है। आप प्रदेश शासन की इंदौर संभाग स्तरीय पत्रकार अधिमान्यता समिति के सदस्य रहे है साथ ही पत्रकारिता की सर्वोच्च डिग्री एमजे में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से टाॅपर रहे है।

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2 COMMENTS

  1. Sachmuch Hriday vidhayak ghatna Param Pita Parmatma divangat Atma ko Shanti pradan Karen Ishwar se Yahi Prathna hai

  2. हम लोग शाम के भोजन के बाद हमेशा टहलते थे और प्रतिदिन एक दूसरे से मिल ही जाया करते थे परन्तु किसी ने भी यह सोचा होगा कि कोरोना इतना बड़ा दुख परिवार के लिए ले कर आएगा।
    ईश्वर भैय्या भाभी की आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे और परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
    इस घटना के बाद सभी लोग कोरोना से बचने के उपायों का बहुत सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करें।

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