राहुल राठौड़, राजोद। क्षेत्र की पवित्र कोटेश्वरी नदी में फैली गंदगी के कारण नदी अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है। शासन प्रशासन की अनदेखी के कारण यह नदी नाले में तब्दील हो गई हैं। जिससे क्षेत्र के लोगों की आस्था को ठेस पहुँच रही है। क्षेत्र में कोटेश्वरी नदी अति प्राचीन तीर्थ स्थल नागझिरी निकल कर गई गावो में होती हुई माही नदी में मिलती है, पर राजोद में यह नदी पूरी तरह से नाले में तब्दील हो चुकी है। यहां पर कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने को तैयार नही है। नदी में गंदगी फैलाने का एक मुख्य कारण पंचायत में कचरा वाहन का न होना भी है। क्योंकि वाहन न होने के कारण ग्रामीण नदी में ही कचरा फेकते है। गत 3 वर्ष पूर्व में गांव के वरिष्ठ नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों ने गांव में कचरा वाहन की सोगत मिलने का कह कर बहुत ही ज्यादा प्रचार किया था। पर कचरा वाहन आज तक नही मिला अगर समय रहते इस ओर ध्यान नही दिया गया तो नदी पूरी तरह से अपना अस्तित्व को खो देगी। जहां एक ओर सरकार नदियों को पुनर्जीवित करने की योजना बना रही वही शासन ओर प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही गांव में बैठे जिम्मेदार लोगो भी इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही अधिकारियों और जिम्मेदार लोगो को भी अवगत करवाने की आवश्यकता है।
राजोद – अपना अस्तित्व खोते नजर आ रही कोटेश्वरी नदी, जिम्मेदार मौन
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