

विराज प्रजापति,सारंगी। इस बार फाल्गुन कृष्ण शिवरात्रि महापर्व 11 मार्च को मनाया जाएगा जिसमें कई सारे अद्भुत संयोग में शिव की आराधना करने से मनोकामना पूर्ण होगी ज्योतिषियों के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर बहुत ही सुंदर संयोग बन रहा है गुरुवार महाशिवरात्रि के दिन आनंदादी श्री व सहयोग रहेगा साथ ही सुबह 9:00 बज कर 25 मिनट तक महान कल्याणकारी शिव योग भी विद्यमान रहेगा
उसके बाद सभी कार्यों में सिद्धि दिलाने वाला सिद्धि योग आरंभ हो जाएगा भगवान शिव ने यह आशीर्वाद दिया है कि जो कोई तुम्हारे उपस्थित रहने पर कोई भी धर्म कर्म मांगलिक अनुष्ठान आदि कार्य करेगा वह कभी भी बाधित नहीं होगा उसका कार्य सुपरिणाम कभी निष्फल नहीं रहेगा इसलिए इस योग में किए गए शुभ कर्मों का फल अशूण्ण में रहता है मारकंडेय जी ने बताया की साथ ही देवगुरु बृहस्पति और शनि मकर राशि में रहेंगे ऐसे में महाशिवरात्रि पर की गई पूजन साधना मंत्र जाप व्रत करने से अभीष्ट फल प्राप्त होता है।
अभिषेक करने से भक्तों की होगी मनोकामना पूर्ण – जलधारा शिव को अति प्रिय है जल से ज्वर के कोप शांत करने के लिए दूध से अभिषेक करने से मनोकामना पूर्ण होती है बुद्धि की जड़ता को दूर करने के लिए शक्कर मिश्रित दूध से अभिषेक करें सरसों के तेल से अभिषेक करने से शत्रुओं की दुष्ट बुद्धि का विनाश होता है दूध से संतान प्राप्ति घी से दीर्घायु मोक्ष प्राप्ति शहद से धन प्राप्ति पंचामृत से धन संपत्ति मिलती है गन्ने के रस से लक्ष्मी प्राप्त होती है
ज्योतिष के दृष्टिकोण से शिवरात्रि पर्व – चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं इसलिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है ज्योतिष शास्त्रों में इस तिथि को अत्यंत शुभ बताया गया है गणित ज्योतिष के आकलन के हिसाब से महाशिवरात्रि के समय सूर्य उत्तरायण हो चुके होते हैं और ऋतु परिवर्तन भी चल रहा होता है ज्योतिष के अनुसार चतुर्दशी तिथि को चंद्रमा अपने कमजोर स्थिति में आ जाते हैं चंद्रमा को शिवजी ने मस्तक पर धारण किया है अतः शिवपूजन से व्यक्ति का चंद्र सफल होता है जो मन का कारक है दूसरे शब्दों में कहें तो शिव की आराधना इच्छा शक्ति को मजबूत करती है और अंत करण में अदम्य साहस व दृढ़ता का संचार करती है।