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सरदारपुर। मालवा क्षेत्र के प्रसिद्ध संत कमल किशोर नागरजी के मुखारविंद से बुधवार को आदिवासी अंचल ग्राम देदला में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन प्रारंभ हुआ। कथा का श्रवण करने धार जिले सहित आसपास जिलों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुचे।
कथा का वाचन करते हुए संत कमल किशोर नागरजी ने कहा कि सेवा ही अमृत है, अमृत पाना है तो सेवा करो। सेवा किसी रूप मे भी हो सकती हे सेवा करने से व्यक्ति छोटा नही होता है। वर्तमान मे फैली कुसंस्कृतियो पर कटाक्ष करते हुए नागर जी ने कहा की प्रेम, प्रेम होता है वह किसी स्त्री पुरूष में नही बल्कि पति-पत्नि मे होता है। आज कल लोग प्रेमी और प्रेमीका कहा से ले आये पता नही चलता। प्रेमीका आपको प्रेम दे सकती है लेकिन पुत्र नही।
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कथा प्रारंभ से पहले गांव देदला से कथा स्थल तक कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में महिलाएं परंपरागत आदिवासी वेशभुषा में कलश सर पर लेकर शामिल हुई। कलश यात्रा कथा स्थल पर स्थित गौशाला मे हनुमान मंदिर पर पहुंचकर समाप्त हुई। जहा पर पुजन-अर्चन कर कथा के यजमान औसारी, जामनिया एवं भाभर परिवार के सदस्य श्रीमद भागवत पौथी को सर पर लेकर कथा पांडाल में पहुंचे। जहां पर व्यासपीठ भागवत पौथी विराजीत करने के बाद कथा प्रारंभ हुई।
कथा के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से सरदारपुर एसडीओपी आशुतोष पटेल के मार्गदर्शन में राजगढ़, सरदारपुर एवं अमझेरा थाने का पुलिस बल मुस्तैद रहा। कथा के प्रथम दिन भोजन प्रसादी का लाभ लाबरिया के गौभक्तो के द्वारा लिया गया।
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