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राहुल राठौड़, राजोद। शोशल मीडिया पर राजोद को तहसील बनाने की मांग जोरो पर है। सरदारपुर तहसील के अंतिम छोर पर बसे राजोद व उसके आसपास का क्षेत्र सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक स्तर पर अग्रणी रहा है। राजोद को आज तहसील के दर्जे की जरूरत है। इस सबन्ध में जानकारी देते हुए तहसील के लिए मांग उठाने वाले सुरेश द्विवेदी का कहना है की हमारे यहाँ सभी सुविधाओं से लबरेज यह क्षेत्र सामाजिक तौर पर 36 कोमो का बसाहट वाला कस्बा है। इस क्षेत्र के लोगो का मुख्य जीविका साधन कृषि आधारित है, कृषि मजदूर यहाँ की रीढ़ है। राजोद ग्वालियर स्टेट का अहम हिस्सा रहा है। राजकीय राजमार्ग पर बसा राजोद बदनावर से 30 किमी व सरदारपुर से 40 किमी की दूरी पर स्थित तेजी से बढ़ता व्यापारिक केंद्र है। यहाँ दूर दराज से तथा ग्रामीण क्षेत्रो से बड़ी संख्या में व्यापार हेतु लोगो का आना जाना लगा रहता है। यही वजह है कि राजोद में पुलिस थाना, चार बैंक, छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग अलग हायर सेकेंडरी स्कूल, कन्या आदिवासी पृथक से छात्रावास, हरिजन – आदिवासी बच्चो के लिए अलग- अलग छात्रावास, आठ प्रायवेट स्कूल, किसानों के लिए कृषि उपज की उपमंडी, सोसायटी, 50 लाख की लागत से बना हाटबाजार, ग्राम पंचायत भवन, पटवारी भवन, ग्रामसेवक भवन, बिस बिस्तरों वाला चिकित्सालय, आयुष औषधालय, पशु चिकित्सालय,12 आंगनवाड़ी केंद्र, कई सरकारी भवन, कृषि उपकरणों के कारखाने व इसका विशाल बाजार, किराना, अनाज, कपड़ा, खाद बीज, आभूषण, खरीदी बिक्री का थोक बाजार। मेडीकल दुकाने, दो पहिया वाहन की खरीदी के लिए दो शोरूम यहाँ मौजूद है।
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प्रायवेट डाक्टर, बड़े पैमाने पर सब्जियां खरीदी केंद्र, आधुनिक खेती की फसलों के उत्पादन में अग्रणी, इस क्षेत्र का 40 से 45 प्रतिशत राजस्व सरकार को मिलता है। राजोद के थाने की सीमा 25 से 28 किमी दूर तक फैली हुई है, तकरीबन 60 से 75 छोटे बड़े गाँव इसमे आते है। राजोद एवं आसपास की 15 से बीस पँचायत की आबादी घनत्व मिला दिया जाय तो नगर पंचायत भी हो सकती है।
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उसके बाजूद सरकारी कामो के लिए राजोद एव इसके आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगो को सरदारपुर 40 किमी दूर जाना पड़ता है जिससे उनका समय और धन खर्च होता है।
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राजनीतिक तोर पर यहाँ के जनप्रतिनिधियो ने भी समय समय पर अपना अपना योगदान देकर राजोद को सुविधा से नवाजा है। द्विवेदी ने कहा आज दरकार है राजोद को तहसील के दर्जा दिलाने का इसके लिए सभी लोगो को बिना एक मन से राजनीति से ऊपर उठ कर प्रयास कर सरकार के समक्ष ठोस बात रखना होगी।