राजगढ़। आधिकारिक और गैर आधिकारिक तौर पर कोरोना के मामलों ने एक बार फिर अपनी उपस्थिति लोगों के बीच में दर्ज करा दी है। कुछ मामलों में प्रशासन जानकारी दे देता है तो कई मामलों की जानकारी प्रशासन तक को भी नहीं मिल पाती। इस बीच सबसे बड़ी दुविधा में समाज के चौथे स्तंभ के तौर पर कार्य कर रहे पत्रकारों के लिए है। अब तक फ्रंट लाइन के अधिकांश लोगों का टीकाकरण तो हो चुका है लेकिन पत्रकारों के बारे में ना प्रशासन सोच पा रहा है और ना ही सरकार। प्रशासन को फ्रंट लाइन के तौर पर काम कर रहे पत्रकारों के लिए वैक्सीनेशन का अभियान चलाना चाहिए ताकि पत्रकार और उनके परिवार वाले भी कोरोना के संक्रमण से दूर रह सके। यह बात जिला पत्रकार संघ के प्रवक्ता दीपक जैन ने एक पत्र के माध्यम से पत्रकारों के वैक्सीनेशन के लिए संघ अध्यक्ष छोटू शास्त्री से मांग करते हुए कही है। जैन ने कहा कि खबरों के सिलसिले में कई बार पत्रकारों को भीड़ से लेकर गांवों तक के भीतर जाना पड़ता है लेकिन इनके वैक्सीनेशन को लेकर प्रशासन सजग ही नहीं हो पा रहा है। जैन ने श्री शास्त्री से मांग की है कि जिलेभर के पत्रकारों की ओर से प्रशासन को कहा जाए कि कोविड-19 से रोकथाम के लिए पत्रकारों को भी टीके लगाए जाए।
लगातार बढ़ रहे मरीज – कई पत्रकारों ने श्री जैन के द्वारा उठाई गई मांग को जायज ठहराते हुए कहा है कि कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में पत्रकारों के लिए भी खबरों का कवरेज करना चुनौति बनता जा रहा हैं। शासन-प्रशासन की ओर से टीके लगाने की कोई भी गाइड लाइन जारी नहीं की गई। ऐसे में पत्रकारों को चिंता संताने लगी हैं कि आखिर पत्रकारों को कब टीके लगाएं जाएंगे ताकि वे खबरों के लिए निश्चिंत होकर कार्य कर सकेंगे।
कई पत्रकारों ने गवांई है जान – गौरतलब है कि भीषण कोरोना के दौर में देशभर में पत्रकारों ने आम लोगों के लिए खबरें बंटोरी और उन्हें लोगों तक पहुंचाया है। इसके चलते देश में कई पत्रकार साथियों को कोविड-19 की चपेट में आने से अपनी जान गंवाना पड़ी है। श्री जैन ने कहा कि पत्रकार भी समाज का एक अभिन्न हिस्सा हैं, उसे क्यों नजर अंदाज किया जा रहा है, यह समझ से परे हो गया है।