

राजगढ़। नगर के युवा समाज सेवी व जैन समाज के कर्मठ कार्यकर्ता प्रमोद जैन जो नगर में पीके के नाम से विख्यात थे। गुरुवार देर शाम को उनके आकस्मिक निधन से संपूर्ण क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। आप गत अनेक दिनों से कोरोना पीड़ित थे। किंतु बुधवार को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी। बावजूद गुरुवार शाम को अचानक तबियत खराब हुई और उनका निधन हो गया। आपका अंतिम संस्कार इंदौर के रामबाग मुक्ति धाम पर शुक्रवार को सवेरे किया गया। उनके निधन पर युवाचार्य श्री विश्व रत्नासागर सुरीश्वर जी एवं गच्छाधिपति आचार्यश्री ऋषभचंद्र सुरेश्वर जी ने शोक संदेश जारी कर गहरी संवेदना व्यक्त की। ऋषभदेव मोतीलाल ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोहर कांग्रेस ने पीके के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए इसे अपूरणीय नुकसान बताया। नवरतन धाम पालीताना के ट्रस्टी वीरेंद्र जैन (पत्रकार) ने पीके के बारे में बताया कि उन्होंने भोपावर प्रतिष्ठा महोत्सव में जो योगदान दिया है। उसे मालवा वासी कभी नहीं भुला सकते है। राजगढ़ में सूचना ग्रुप को चालू कर इसे जनउपयोगी बनाने में आपने महत्वपूर्ण कार्य किया है, इसके एडमिन थे। आचार्यश्री नवरत्न सागर सूरीश्वर जी के आप अनुयायी थे। हर वर्ष उनके जन्म दिन पर परमार्थ के अनेकों कार्य करना आपके जीवन का ध्येय था। नगर में जैन समाज का कोई भी कार्य आपके सहयोग के बिना पूर्ण नहीं होता था। अमझेरा तीर्थ ट्रस्ट के राजेश जैन ने कहा कि राजगढ़ के जैन समाज ने अनमोल रत्न खो दिया है। नवरत्न परिवार के विहार प्रमुख सुनील फरबदा ने बताया कि पीके के निधन से मालवांचल को बड़ा नुकसान हुआ है। शांतिनाथ जैन ट्रस्ट भोपावर के सुरेंद्र जैन ने भी पीके के निधन को भोपावर ट्रस्ट का बड़ा नुकसान बताया है। इसी प्रकार मांडलगढ़ तीर्थ केेे प्रवीण गुप्ता नेे भी शोक संवेदना व्यक्त की।