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एक कोरोना योद्धा ऐसा भी.. 2 महीने से नही गए अपने घर.. ख़ुद के उपचार के लिए लाई गई दवाइयां भी दे दी अन्य मरीज को… कोरोना संक्रमित होने के बावजूद भी नही टूटा डॉ. राहुल कुलथिया का सेवा का जज़्बा..

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रमेश प्रजापति, राजगढ़। महामारी से लोगो की जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में डॉक्टर अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। कोरोना काल मे फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में कार्यरत कई चिकित्सक भी इस महामारी की चपेट में आए हैं। इसके बावजूद भी भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टर अपना कर्तव्य निभाने से नही चूक रहे है। हम बात कर रहें है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजगढ़ पर पदस्थ स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राहुल कुलथिया की, जो दिन-रात कोरोना मरीजों की सेवा में जुटे हुए है। डॉक्टर कुलथिया खुद कोरोना पॉजिटिव भी हुए। इस दौरान भी उन्होंने मरीजो की सेवा की। यहाँ तक कि उन्होंने खुद की जीवन रक्षक दवाइयां भी अन्य जरूरतमंद मरीज को दे दी। कोरोना से जंग जितने के बाद डॉ. कुलथिया मरीजों की सेवा में जुटे है।

2 माह से नही गए घर, वीडियो कॉल पर करते है परिवार से बात – डॉ. राहुल कुलथिया का परिवार राजगढ़ में ही निवास करता है। लेकिन जब से महामारी की दूसरी लहर ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू किया है तब से वे अपने परिवार से दूर स्वास्थ्य केंद्र पर बने शासकीय क्वाटर में रह रहे है। डॉक्टर कुलथिया रोजाना मरीजों से सम्पर्क में आता हूं, उनकी वजह से परिवार को कोई दिक्कत ना हो इसलिए 2 माह से अपने घर नही गए है। वे शासकीय क्वाटर पर रह रहे है। उनका 7 माह का बेटा है। डॉ. कुलथिया बताते है वीडियो कॉल पर बेटे से बात कर लेता हूं तो बड़ी तसल्ली मिलती हैं। पिछले वर्ष भी महामारी के दौरान डॉ. कुलथिया कई दिनों तक परिवार से दूर रहे थे। दिन के अलावा रात में भी कोरोना के लक्षण वाले कई मरीजो के कॉल तथा मैसेज आते हैं, तो उन्हें मोबाईल के माध्यम से ही उपचार हेतु जानकारी एवं  सही सलाह भी दे रहे है। 

कोरोना संक्रमित होने के बाद भी नही टूटा जज्बा –

डॉक्टर राहुल कुलथिया खुद कोरोना संक्रमित हो गए थे। इस दौरान वे जिला अस्पताल में उपचाररत रहे तो वहां भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी। डॉक्टर कुलथिया बताते है कि जब में कोरोना पॉजिटिव हुआ तो जिला चिकित्सालय धार में उपचार के लिए भर्ती हुआ। तथा वहां 4 से 5 दिन आईसीयू वार्ड में रहा। इस दौरान मैने वहां मौजूद कोरोना मरीजों का उपचार किया। साथ ही उन्हें पॉजिटिव बने रहने की सलाह दी। डॉक्टर कुलथिया ने को जब कोरोना हुआ तब उन्होंने अपनी दवाइयां  वहा उपचाररत एक मरीज को निःशुल्क दे दी। उनका कहना है कि एक डॉक्टर होने के नाते हमारा फर्ज है कि किसी भी तरह मरीज की जान बचा ली जाए। डॉ. कुलथिया कोरोना संक्रमित होने के दौरान भी राजगढ़ में अनेक मरीजों की सेवा में जुटे है। वीडियो कॉल पर मरीज से बात कर उन्हें सही उपचार देते है। 

परिवार वाले चिंता करते है तो कहता हूं मरीजों की दुआएं मेरे साथ है –

डॉक्टर कुलथिया कहते है कि मुझे बड़ा अफसोस है कि मैं कोरोना संक्रमित हुआ। क्योंकि मुझे और भी कई मरीजो की सेवा करने का मौका मिल जाता। मेरे परिवार वालो को मेरी बहुत चिंता रहती है। कहते है कि अब तुम्हे आराम करने की जरूरत है। मैं परिवार वालों को आश्वस्त करता हूं की मझे कुछ नही होगा। क्योकि मेरे साथ कई मरीजो की दुआ है। डॉक्टर कुलथिया ने कहा कि हर व्यक्ति से कहना चाहता हु की कोरोना का ज़रा भी लक्षण दिखे तो कोरोना जांच तथा अन्य जांचे करवाएं। क्योकि जब डॉक्टर के हाथ में आपकी सही स्थित की रिपोर्ट होगी तब ही आपका सही तरीके से उपचार कर पाएंगे। किसी भी तरह की लापरवाही बिल्कुल ना बरते।


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