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सरदारपुर – महान क्रांतिकारी महाराव बख्तावर सिंह जी का बलिदान दिवस शासन स्तर आयोजित करने की मांग, जनपद सदस्य नेहा शुभम दीक्षित ने सौंपा पत्र, महल परिसर का भी हो जीर्णोद्धार

सरदारपुर। जनपद सदस्य नेहा शुभम दिक्षीत ने महान क्रांतिकारी महाराव बख्तावर सिंह जी का बलिदान दिवस शासन स्तर पर आयोजित करने की मांग को लेकर उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव को पत्र लिखा है। साथ ही महल परिसर के जीर्णोद्धार हेतु संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर से भी पत्र लिखकर मांग की है।
जनपद सदस्य प्रतिनिधी शुभम दीक्षित ने बताया कि प्रदेश के उद्योग को पत्र लिखकर महाराव बख्तावर सिंह जी का बलिदान दिवस शासन स्तर पर आयोजित करने की मांग की है क्योकि कि भारत सरकार व मध्यप्रदेश शासन के द्वारा देश के महान क्रांतिकारियों को लेकर विगत कई वर्षो से अपनी पहचान व सम्मान दिलवाने का अनुपम कार्य किया जा रहा है, जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों व राज्यों के बलिदानी व क्रांतिकारियों को एक नई पहचान प्राप्त हुई। इसी कड़ी में अमझेरा नगर के महान क्रांतिकारी अमर बलिदानी महाराव बख्तावर सिंह जी राठौड़ को भी इसमें जोड़ा जाए जिससे मध्यप्रदेश के एक और महानायक से देश की जनता को अवगत कराया जा सके।

मध्यप्रदेश में जनजाति गौरव दिवस के रूप में अमर बलिदानियों जैसे टंट्या मामा व बिरसा मुण्डा को एक नई पहचान मिली है व देश को समस्त जनता अपने अनसुने महानायकों के बारे में जान पाई है, उसी प्रकार 1857 की क्रांति के महान क्रांतिकारी अमर बलिदानी बख्तावर सिंह जी राठौड़ के 165वें बलिदान दिवस पर संपूर्ण मध्यप्रदेश में अवकाश घोषित किया जाकर 10 फरवरी बलिदान दिवस को संपूर्ण मध्यप्रदेश में शासन स्तर पर आयोजित किया जाए। प्रतिवर्ष 10 फरवरी बलिदान दिवस के अवसर पर अमझेरा नगर में होने वाले कार्यक्रम को मध्यप्रदेश शासन के द्वारा आयोजित किया जाकर भव्य रूप से मनाया जाए।

महल परिसर का हो जीर्णोद्धार –
जनपद सदस्य प्रतिनिधि शुभम दिक्षीत ने बताया कि महल परिसर को जीर्णोद्धार की मांग को लेकर एक पत्र संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री को भी दिया गया है। शुभम दीक्षित ने बताया कि अमझेरा नगर के 1857 की क्रांति के महानायक अमर बलिदानी महाराव बख्तावर सिंह अमझेरा रियासत के राजा भी थे साथ ही साथ मालवा क्षेत्र के प्रथम क्रांतिकारी राजा थे। आजादी के इतने वर्षों बाद भी महान महाराव बख्तावर सिंह जी की धरोहर अपनी दुर्दशा को लेकर बहुत व्यथित है, जो अत्यंत ही दुर्भाग्य की बात है। जिसे जीर्णोद्धार करने की आवश्यकता है। पूर्व में भी महल परिसर के जीर्णोद्धार के लिये कई कार्य योजनाएं बनी किन्तु आज भी अमर बलिदानी की धरोहर में आंशिक रूप से भी कोई सुधार कार्य नहीं हो पाया है। बार बार जीर्णोद्धार व महल परिसर के सुधार की मांग करते आ रहें है। अमर बलिदानी के महल परिसर को गंभीरता से लेते हुए मौका मुआयना कर जीर्णोद्धार किया जाये। जिससे देश व प्रदेश के महान क्रांतिकारी को उचित सम्मान मिल सके।

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