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राजगढ़ – अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव हेतु बैठक संपन्न, 100 गांव के करीब 500 मंदिरों में होंगे कार्यक्रम, 35 हजार परिवारों को प्रतिष्ठा महोत्सव का दिया जाएगा निमंत्रण, मेरा गांव – मेरी अयोध्या की तर्ज पर प्रत्येक गांव-मोहल्लो में होंगे आयोजन

राजगढ़। अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को होने वाली रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों के निमित्त राजगढ़ के नरखेड़ा हनुमान मंदिर परिसर में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या की राजगढ़ खंड की बैठक संपन्न हुई। बैठक की शुरुआत भगवान श्रीराम के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। बैठक में संघ के विभाग कार्यवाह ललित कोठारी, संघ के धार जिला संघचालक बाबुलाल हामड़ तथा विश्व हिंदू परिषद जिला गौ रक्षा प्रमुख दिलीप पटेल मंचासिन रहे। बैठक में विभिन्न संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता एवं समाज प्रमुख शामिल हुए।


दरअसल राम मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत मेरा गांव – मेरी अयोध्या की तर्ज पर प्रत्येक गांव-मोहल्लों में आयोजन होंगे। राजगढ़ खण्ड के लगभग 100 गांव के करीब 500 मंदिरां में कार्यक्रम होंगे तथा इसके पूर्व राजगढ़ खण्ड के लगभग 35 हजार परिवारों को अयोध्या से भेजे गए अक्षत से प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण दिया जाएगा। जिसके लिए 300 से अधिक टोलियों का गठन होगा।

पीले चावल रखकर देंगे निमंत्रण –
बैठक में संघ के विभाग कार्यवाह ललित कोठारी ने कहा कि 500 वर्ष से अधिक के संघर्ष के बाद अयोध्या धाम में श्री राम मंदिर निर्माण पूर्ण हुआ है। मंदिर में 22 जनवरी 2024 को बाल स्वरूप में श्री रामलाल विराजित होंगे। रामलाल प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव को महोत्सव में बदलना है। प्रत्येक गांव के प्रत्येक घर तक श्री राम को पहुंचाना है। 22 जनवरी को प्रतिष्ठा के दिन हर घर आंगन में रंगोली बनाना तथा घर पर साज सज्जा हो। इस दिन को प्रत्येक गांव में उत्सव के रूप में मनाना है। 1 से 15 जनवरी तक प्रत्येक घर पर अयोध्या से आने वाले पीले चावल रखकर निमंत्रण देने जाना है। इस निमित्त प्रत्येक गांव में हिंदू उत्सव समिति का गठन कर प्रतिष्ठा उत्सव को महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा।

कारसेवक का किया सम्मान –
बैठक के अंत में श्री राम मंदिर हेतु वर्ष 1992 में कारसेवा करने वाले बलराम कुमावत भानगढ़ का सम्मान किया गया। इससे पहले संघ के जिला संघचालक बाबुलाल हामड़ ने बैठक में कहा कि जो हमारे पूर्वजों ने स्वप्न देखा तो उस स्वप्न को हम साकार होता देख रहे है। हमारे गांव में ही हमे प्राण प्रतिष्ठा का आनंद लेना है। प्रत्येक मठ-मंदिर को अयोध्या मानकर विभिन्न कार्यक्रम करना है। साथ ही हम भगवान राम की तरह ही समरसता की ओर आगे बढ़ने का संकल्प ले सकते है।

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