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धुलेट – सीरवी समाज की ‘परिवर्तन पर चर्चा’ के संबंध में बैठक का हुआ आयोजन, प्रांतीय अध्यक्ष लछेटा ने कहा – हमारे सामाजिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों में पश्चिमी संस्कृति का कोई औचित्य नहीं

विनोद सिर्वी, धुलेट। शिक्षा सभी के लिए शांति, न्याय, स्वतंत्रता और समानता की दुनिया हासिल करने का एक साधन है। अतः शिक्षा सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा के बिना कोई भी अच्छा जीवन संभव नहीं है। यह मनुष्य की बुद्धि को पोषित करता है, उसके कौशल को विकसित करता है और उसे मेहनती बनने में सक्षम बनाता है। शिक्षित समाज ही इतिहास रचता है उक्त बात मध्य प्रदेश सिर्वी समाज के प्रांतीय अध्यक्ष सीए भगवान लछेटा ने “परिवर्तन पर चर्चा” के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान योगमाया मंदिर धुलेट में शनिवार को कहीं।

लछेटा ने बैठक में समाजजनों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे सामाजिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों में पश्चिमी संस्कृति समाने आने लग गई है। जिसका कोई औचित्य नहीं है। पश्चिम संस्कृति की वजह से आयोजक परिवार पर खर्च बढ़ रहा है।

बैठक का शुभारंभ सर्वप्रथम मां आईजी का ध्यान कर किया गया। जिसके बाद प्रांतीय महासचिव कांतिलाल गहलोत कुक्षी ने बताया कि अभी तक मध्य प्रदेश में सिर्वी समाज के लगभग 200 गांव में बैठकें हो चुकी है। बैठकों का दौर अंतिम चरण में है शेष गांवों में भी जल्द ही बैठक का आयोजन कर समाज जनों से चर्चा कर समाज में आयोजित होने वाले धार्मिक तथा सामाजिक कार्यक्रमों में जो भी सुधार करना है, उसे संबंध में प्रत्येक गांव से सहमति ली जा रही है। ताकि गलत जगह उपयोग में होने वाले धन को बचाकर समाज के विकास में योगदान दिया जा सके।

समाज के धार जिला अध्यक्ष डॉ. मुन्नालाल भायल ने बैठक का उद्देश्य बताया और 33 बिंदु का वाचन समाज जनों के बिच किया। जिसमें धुलेट के उपस्थित समाजजनों प्राकृतिक खेती , शादियों में प्री वेडिंग, जन्मदिन ना मानते हुए, शिक्षा सहायता कोष में धनराशि देने व मृत्यु भोज और शादी समारोह में मावे का उपयोग कम से कम करने में सहमति प्रदान की। साथ ही सरदारपुर तहसील के विभिन्न गांव में भी बैठकों का आयोजन होना बाकी है, शनिवार को राजपुरा में भी बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें बैठक के बिंदुओं से प्रभावित होकर 12 समाज जनों ने 17100 रुपए की धन राशि शिक्षा सहायता कोष में दान की।

उक्त सहायता कोष से समाज के निर्धन विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए धनराशि दी जाती है। बैठक में बाबूलाल चौधरी, कमलेश वर्फा पिपरनी, भीमलाल चौधरी, नारायण भायल, कैलाश काग, बाबुलाल परवार गुमानपुरा, प्रेम सोलंकी दलपुरा, गोवर्धन अगलेचा राजपुरा, जगदीश राठौर चालनी, शोभाराम चौधरी, भेरूलाल चोयल नेमलाल चौधरी, बाबूलाल देवड़ा, मोहन पटेल, धीरज जमादारी, रमेश मुकाती, धन्नालाल गहलोत, गेंदालाल पटेल गोवर्धन सेंचा, गेंदालाल काग, बाबूलाल गहलोत, मुकेश जमादारी, मांगीलाल चोयल, दामोदर हामड सहित बड़ी संख्या में समाज जन मौजूद थे।

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